Noida crime news का सबसे रहस्मय जघन्य आरुषि हत्या-कांड

arushi hemraj murder case

crime story noida :आज हम आपको बतायेगे ऐसे जघन्य और रहस्मय हत्या कांड के बारे में जिसने पूरे देश को हिला के रख दिया और ये हत्या कांड आज भी एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है ,देश के सबसे चर्चित हत्या कांड आरुषि हेमराज हत्या कांड के बारे में ,एक अधेड़ और नाबालिक लड़की के इस हत्या कांड पर कई थ्योरी बनायीं गयी लेकिन  इस हत्या कांड का खुलासा नही हो पाया इस  हत्या-कांड पर एक मूवी भी बनाई गयी |


रात 15 -16 मई 2008 :

Noida के सेक्टर 25,  दोपहर 1 बजे के आस पास खबर फैलती है की पेशे से डेंटिस्ट डॉ राजेश तलवार की 14 वर्षीय एकलौती बेटी आरुषि की हत्या हो गयी है डॉ राजेश तलवार फेमस Docter थे तो हर कोई अपने तरीके से इस हत्या कांड पर बाते करने लगा , हत्या कांड उस समय हुआ जब तलवार दम्पती फ्लैट में ही मौजूद था ,तलवार दम्पती ने शक अपने ही नौकर हेमराज पर जताया क्योकि की वो घटना के वक्त से ही गायब था पुलिस ने FIR दर्ज कर ली और जाँच में जुट गयी इधर पुलिस जाँच कर ही रही थी की अगले दिन ,Noida के अवकाश प्राप्त पुलिस के एक अधिकारी k k गौतम ने हेमराज की लाश को उसी फ्लैट से बरामद कर लिया जिस फ्लैट में आरुषि हत्या कांड को अंजाम दिया गया था ,लाश बरामद होते ही अफवाहों का दौर शुरू हो गया हर कोई अपने एंगल से बाते कर रहा था कोई कह रहा था की इस दोहरे हत्या कांड को हेमराज के दोस्तों ने अंजाम दिया है तो कोई कह रहा था की इस घटना को तलवार दम्पती ने ही अंजाम दिया है चारो तरफ अफवाहों के बाज़ार गर्म थे पुलिस अपनी जाँच में जुट गयी लेकिन हाथ कुछ नही लगा |

23 मई 2008

डॉ राजेश तलवार व डॉ नूपुर तलवार के सेक्टर 25 स्थिति L32 फ्लैट में 15 मई की रात जो कुछ भी हुआ वो हर अख़बार की सुर्खिया बटोरे हुये था इन सुर्खियों की वजह से पुलिस दवाव में थी पुलिस ने अपनी जाँच का दायरा और विस्तृत कर दिया ,23 मई 2008 को आरुषि के पिता राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया गया उत्तर प्रदेश पुलिस ने राजेश तलवार को मुख्य अभियुक्त माना,पुलिस के अनुशार तलवार दम्पती ने  ही इस जघन्य और दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया है पुलिस का मानना था की 15 मई 2008 को घर में राजेश तलवार ,नूपुर तलवार ,आरुषि और उनका नौकर हेमराज मौजूद थे कुल मिलाकर  उस रात सिर्फ चार लोग ही फ्लैट में थे और जिस तरह से आरुषि हत्याकांड को अंजाम दिया गया वो सोचने वाली बात थी लाश देख के लग रहा था की हत्यारे ने कई जोरदार वार किये है और इतने वार होने के बाद भी आरुषि न तो चिल्लाई न चीखी ,जबकि तलवार दम्पती बगल के ही रूम में सो रहा था इसी आधार पर पुलिस ने राजेश तलवार को मुख्य आरोपी बनाया और गिरफ्तार कर लिया |

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29 मई 2008

राजेश तलवार के गिरफ्तार होते ही Noida में हंगामा मच गया पुरे प्रदेश में प्रदर्शन होने लगे और सीबीआई जांच की मांग होने लगी लोगो की माग और विरोध को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने 29 मई 2008 को सीबीआई जाँच की सिफारिश कर दी सीबीआई ने जांच सुरु कर FIR दर्ज कर ली ,सीबीआई ने जाँच तो सुरु की लेकिन सबूत नस्ट हो जाने की वजह से सीबीआई के हाथ कुछ भी नहीं लगा और सीबीआई ने क्लोज़र रिपोर्ट लगा दी सबूतों के अभाव के कारण 12 जुलाई 2008 को राजेश तलवार को रिहा कर दिया गया, सितम्बर 2008 को सबूतों के  आभाव के कारण राजेश तलवार के सहायक और दो नौकरों को  भी रिहा कर दिया गया |

सीबीआई की रिपोर्ट से फिर अखबारों में इस हत्याकांड ने सुर्खिया बटोरना चालू कर दिया आम जनमानस की भावनाओं को देखते हुए इस केस को स्पेशल जुडिसियल मजिस्ट्रेट प्रीती सिंह की अदालत में समीछा के लिए भेज दिया प्रीति सिंह ने सीबीआई की क्लोज़र रिपोर्ट को सिरे से ख़ारिज कर दिया और दोबारा सीबीआई जाँच के आदेश दिए |

दोबारा सीबीआई जाँच वरिष्ट अधिकारी A G L कौल को सौपी गयी ,सीबीआई अधिकारी कौल ने अपनी टीम के साथ मिलकर इस दोहरे हत्याकांड पर कड़ी मेहनत से काम किया जाँच में पाया गया की हत्या के बाद आरुषि के कमरे में रखे फोन और लैपटॉप कई बार इस्तेमाल हुए आरुषि और हेमराज दोनों अपने अपने कमरे में थे ,जब झाड़ू पोछा करने वाली नौकरानी आई तो तलवार दम्पती ने हत्याकांड के बारे में उसे बताया ,पुलिस जाँच करने घर आई लेकिन हेमराज को खोजने के बाहाने वहा से निकल गयी घटनास्थल की तफ्तीश भी नही की अगले दिन पुलिस के एक सेवामुक्त अधारकारी को हेमराज की लाश उसी फ्लैट की छत पे मिली जिस फ्लैट में आरुषि का मर्डर हुआ था |

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9 फरवरी 2009 सीबीआई ने 9 फरवरी 2009 को तलवार दम्पती पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया और तलवार दम्पती को इस दोहरे हत्या-कांड का मुख्य आरोपी बनाया और सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चार्टशीट दाखिल कर दी, जस्टिस श्यामलाल की अदालत ने तलवार दम्पती को दोषी माना ,26 नवम्बर 2013 को राजेश तलवार व नूपुर तलवार को उम्रकैद की सजा सुनायी,कोर्ट का फैसला आने के बाद तलवार दम्पती को जेल भेज दिया गया |

12 octuber 2017 

को  इलहाबाद उच्च न्यायलय के द्वारा आरुषि के माँ बाप को निर्दोष करार दिया, और उनको जेल से रिहा करने के आदेश दिए गये आज तलवार दम्पती अपनी गुमनामी की जिंदगी जी रहा है और बेटी के जाने का दर्द भी झेल रहा है भले ही कोर्ट ने उनको बरी कर दिया हो लेकिन समाज का एक तबका उनको आज भी शक की नजरो से देखता है | पूरी दुनिया के लिए आज ये दोहरा हत्याकांड एक रहस्य बना हुआ है और शायद बना रहेगा इस कहानी को बताना सिर्फ समाज में जागरूकता फैलाना है किसी भी अपराध का महिमामंडन करना बिलकुल भी नही है |

 

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