Nitish Katara Murder Case:
आज हम अपने इस दूसरे भाग में नीलम कटारा (Neelam Katara) की बात करेंगे जिन्होंने अपने बेटे को न्याय दिलवाने के लिए बहुत मुसीबत
और संघर्ष का सामना किया |
2002 में हुये इस हत्याकांड (Nitish Katara Hatyakand) ने जमकर सुर्खिया बटोरी थी तीन अक्टूबर 2016 को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया जिसमे भारती यादव के भाई विकास यादव और चचेरे भाई विशाल यादव को दोषी ठहराया गया और सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को 25 – 25 साल कैद की सजा सुनायी नितीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव का साथ देने वाले उसके सहयोगी सुखदेव पहलवान को भी सुप्रीम कोर्ट ने 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनायी |
क्या था Nitish Katara Murder Case :
नितीश कटारा रिटायर्ड आई ए एस अधिकारी के बेटे थे नितीश की मां नीलम कटारा शिक्षा विभाग में तैनात थी नितीश MBA करने के बाद जॉब करने लगा था नितीश जब MBA कर रहा था तो उसकी मुलाकात भारती यादव से होती है जो उस वक्त के बाहुबली नेता डी पी यादव(D.P Yadav) की बेटी थी भारती और नितीश दोनों क्लासमेट थे नितीश बहुत ही मिलनशार लड़का था नितीश के इसी स्वभाव के कारण भारती यादव और नितीश एक दूसरे को पसंद करने लगे पढायी खत्म होने के बाद भारती अपने घर चली जाती है और नितीश दिल्ली में जॉब करने लगता है लेकिन दोनों का मिलना जुलना जारी रहता है भारती यादव(Bharti Yadav) अक्सर नितीश कटारा के घर महगें गिफ्ट भेजा करती थी लेकिन अचानक एक दिन नितीश और भारती के बारे में भारती के भाई विकास यादव को पता चल जाता है वह नितीश को अपने परिवार के ऊपर लगे धब्बे के रूप में देखता है और नितीश को सबक सिखाने की सोचने लगता है |
16 फरवरी 2002 को रात में एक शादी समारोह से नितीश कटारा का अपहरण कर लिया जाता है शादी में भारती यादव के दोनों भाई पहले से मौजूद होते है नितीश को आखरी बार विशाल यादव से बहस करते हुए देखा जाता है उसके बाद वह शादी समारोह से लापता हो जाता है उसके दोस्त उसे बहुत तलाश करते है लेकिन वह कही मिलता नहीं है इसके बाद नितीश का एक दोस्त नितीश की मां नीलम कटारा (Neelam Katara) को नितीश के गायब होने की सूचना देता है |
नीलम कटारा भारती यादव को फोन करती है भारती यादव कहती है की वह खुद नितीश को तलाश कर रही है वही वो अपने पिता डी पी यादव का नंबर देती है नीलम कटारा डी पी यादव को फ़ोन करती है लेकिन उनका फ़ोन नहीं उठता है नीलम कटारा को किसी अनहोनी की आशंका होती है वो सुबह नजदीकी पुलिस स्टेशन में नितीश कटारा के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज करवाती है और आशंका जताती है की डी पी यादव और उनके बेटों ने नितीश को किडनैप किया है |
पुलिस FIR दर्ज करने के बाद जांच में लग जाती है 20 फरवरी को खुर्जा के पास नितीश कटारा की जली हुयी लाश बरामद होती है लाश जली हुयी थी इस लिए शिनाख्त के लिए नीलम कटारा को बुलाया जाता है और नीलम कटारा शव की शिनाख्त अपने बेटे नितीश कटारा के रूप में करती है |
23 फरवरी 2002 को विकास यादव (Vikash Yadav) और विशाल यादव को मध्य प्रदेश की पुलिस ग्वालियर के डबरा स्टेशन से गिरफ्तार कर लेती है दोनों अपना जुर्म भी स्वीकार कर लेते है इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस पूंच तांछ करती है और फिर दोनों को जेल भेज देती है यहां से सुरु होता है नीलम कटारा का संघर्ष सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद नीलम कटारा ने बीबीसी के संवाददाता से बात की यहा पर पेश है बीबीसी से की गयी बातचीत के कुछ मुख्य अंश |
नीलम कटारा ने बताया की 14 सालों से उनकी जिन्दगी अदालत के इर्दगिर्द ही घूम रही थी नितीश के पिता गंभीर बिमारी से ग्रस्त थे नितीश मुझसे कहा करता था मां सब ठीक हो जायेगा बीमारी का कोई न कोई इलाज निकल आएगा मै पापा को ठीक कराने के लिए लडुगा अगर आप मेरे साथ नहीं लड़ेगी तो मै समझूगा की मेरी मां बहुत कमजोर है हम लोग बीमारी से लड़ ही रहे थे की अचानक नितीश नहीं रहा मुझे नितीश के सदमे के साथ अपने पति को भी सभालना था मेरे पति को पहले उनकी समस्या ऐसी नहीं थी की अस्पताल में भर्ती करना पड़ता लेकिन एक साल के बाद अस्पताल के चक्कर लगाने शुरू हो गये पति की भी देख भाल करनी थी और कोर्ट के भी चक्कर लगाने थे मुझे कुछ अच्छे लोगों का समर्थन भी मिला जिनमे कामिनी जैसवाल ने मेरी बहुत मदद की .
मेरे लिए स्थिति उस वक्त बहुत गंभीर हो जाया करती थी जब पति पर ध्यान देने की कोशिस करती तो लगता था की केस पर ध्यान नही दे पा रही हू इन सब उलझनों के बीच जॉब भी कर रही थी कुछ लोग सलाह दे रहे थे की नौकरी छोड़ दू मेरे लिए ये वक्त बहुत मुश्किलों भरा था .
नितीश के जाने के बाद मुझे कुछ समज में नही आ रहा था पैसे कैसे मैनेज हो रहे थे शुरू के 18 महीने बहुत तनाव भरे थे इन तनाव भरे क्षणों मुझे लड़ने की ताकत दी मै कोई भी तारीख छोड़ना नहीं चाहती थी इसी कारण मै किसी पारिवारिक आयोजनों में शामिल नही हो पायी .
मै कोर्ट की किसी भी सुनवायी को छोड़ना नहीं चाहती थी मुझे हमेशा ये लगा रहता था की पता नही कोर्ट में कौन क्या कह देगा आज लगता है न्याय के लिए इतने लम्बे समय तक कैसे लड़ा जा सकता है हर किसी में इतना जुनून नही होता है मै अपने बेटे को इंसाफ दिलाना चाहती थी .
नितीश मेरा पहला बच्चा था उस से जुड़े हर लम्हे को मैंने सभाल कर रखा हुआ था नितीश की एलबम अलग बनती थी मेरे पति को को फोटोग्राफी का बहुत शौक था उन्होंने नितीश के बचपन के हर लम्हे को कैद किया हुआ था मेरा दूसरा बेटा नितीश के दो साल बाद पैदा हुआ था हम लोगों ने बहुत अच्छा पारिवारिक जीवन जिया था वो अपने छोटे भाई का बहुत ख्याल रखता था उसके जिन्दगी जीने के अंदाज को मै आज बहुत मिस करती हू .
भारती यादव (Bharti Yadav) के बारे में उसने बताया था उसने कहा की वह अभी शादी के बारे में तो नही सोच रहा हू लेकिन भारती के पिता भारती के लिए लड़का ढूढ रहे है मां आपका आशीर्वाद तो है मेरे साथ मैंने उससे कैसे था की उसकी फैमली अलग है वो कैसे रह पायेगी हम लोगों के साथ मै उससे कहती थी की वो फूलों पर इतने पैसे खर्च करती है तुम्हारी सैलरी तो सिर्फ गुलदस्तों में ही चली जाएगी हम तो चाहते है की तुम हमारे परिवार जैसी शादी करो जो लड़की हम लोगों में घुल मिल सके तब वो कहता था की वो हमारे घर आ रही है मै थोड़े उसके घर जा रहा हू उसने मुझे बताया था की वो लोग अपनी जाति में शादी करते है और सरकारी कर्मचारी को भिखारी समझते है .
नितीश (Nitish Katara) हमेशा कहता था मम्मी भारती में क्या कमी है मै भारती से बहुत कम मिली थी वो चाहता भी था की किसी तरह का विवाद न हो जाये मैंने कहा था की भारती में तो कोई बात नही थी जैसे सब बच्चे होते है वैसे भारती भी थी नितीश कहता था मम्मी भारती वहा से निकलना चाहती है वो हम लोगों जैसी जिन्दगी जीना चाहती है नितीश ने ये सब दिसंबर में मुझे बताया और ये भी कहा था की चुनाव होने के बाद वो अपने पापा से बात करेगी लेकिन बताने की नौबत ही नहीं आई और 16 – 17 फरवरी को ये सब हो गया .
जब मैंने नितीश के शव को देखा तो उसका शव बुरी तरह जला हुआ था लग ही नही रहा था की नितीश है मुझे नितीश का शव देखते ही चक्कर आने लगे ऐसा लगा की मै गिर जाऊगी बड़ी मुश्किल से मै खड़ी हो पा रही थी फिर मुझे लगा अगर मै टूट जाऊगीतो नितीश को न्याय नहीं मिलेगा नितीश हमेशा से ही दूसरों के लिए न्यान के लड़ने वाला बच्चा था मैंने मन में ठान लिया की अपराधियों को सजा दिला के रहूगी |
जब मै शिनाख्त के लिए लौट रही थी तो मैंने दिल्ली में अपने डाँक्टर दोस्त से बात की और पूछा की दिल्ली में डीएनए कहा होता है मेरे साथ जितने लोग थे सब हैरान थे सब यही कह रहे थे की ये सब बातें घर चल के कर लेना उस वक्त मै न तो रोई और न ही चिल्लाई आज खुद सोचती हू की ये सब कैसे हुआ खुद हैरान थी जेसिका लाल मर्डर (Jesica Lal Murder Case) में जिस तरीके से फॉरेंसिक सबूतों के साथ छेड़ छाड़ की गयी थी और विकास यादव को बचाया गया तो तभी मैंने ये फैसला कर लिया की नितीश का पोस्टमार्टम दिल्ली में होगा |
नितीश के शव को दिल्ली एम्स में रखा गया लगतार यही सोच रही थी की अगर शव को ही बदल दिया गया तो फिर डीएनए का क्या होगा मुझे तरह तरह की धमकिया मिलती रही लेकिन मैंने किसी पर ध्यान नही दिया क्योंकि मैंने सबकुछ ऊपर वाले पर छोड़ दिया था मेरा ध्यान सिर्फ नितीश को न्याय दिलाने की ओर था आखिरकार मुझे न्यान मिला मै उन सबका धन्यवाद करना चाहुगी जिन्होंने मेरा साथ दिया और आखिरी तक साथ दिया |