Dehli Tandoor Case : जब एक पति ने अपने ही पत्नी की काट काट के तंदूर में जला दिया

Dehli Tandoor Case

Tandoor Case Dehli Full Story

ये ऐसा हत्या कांड था जिसने पूरे देश को दहला के रख दिया था किसी को यकीन नहीं हो पा रहा था की एक पति के द्वारा अपनी ही पत्नी का बेरहमी से क़त्ल कर दिया गया और क़त्ल करने के बाद पति के द्वारा पत्नी के शव को टुकड़ो में काट कर तंदूर में जला दिया गया |

जी हा हम बात कर रहे 1995 के एक ऐसे हत्या कांड की जिसने मीडिया में बहुत सुर्खिया बटोरी जिसको तंदूर हत्या कांड के नाम से जाना जाता है आईये जानते है की 2 जुलाई 1995 की रात क्या घटना हुयी |


2 जुलाई 1995 भारत की राजधानी दिल्ली :

सुशील शर्मा और नैना साहनी मंदिर मार्ग के फ्लैट A में मिया बीवी की तरह रहते थे लेकिन मीडिया रिपोर्ट की मुताबिक दोनों ने अपनी अपनी शादी को सामाजिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया था नैना अक्सर सुशील से शादी को  सार्वजनिक करने के लिए कहा करती थी लेकिन सुशील टाल मटोल करता रहता था इसी बात पर कई बार दोनों में झगड़ा भी हुआ करता था |

2 जुलाई 1995 को सुशील शर्मा शराब के नशे में घर आता है नैना उस वक्त फ़ोन पर किसी से बात कर रही होती है सुशील के आने पर नैना फोन काट देती है सुशील जब पूछता है की किस से बात कर रही थी तो नैना कहती है की उसकी एक दोस्त है उसी से बात कर रही थी नैना इतना कह के दूसरे रूम में चली जाती है |

Dehli Tandoor Kand

सुशील शर्मा फोन को रीडायल करता है उधर से सुशील शर्मा के सहपाटी करीम मतबूल की आवाज आती है सुशील करीम और नैना पर अक्सर शक किया करता था सुशील जब करीम की आवाज सुनता है तो आग बबूला हो जाता है गुस्से भरे सुशील ने नैना से हकीकत जानना भी उचित नही समझा और नैना को गोली मार देता है नैना साहनी की मौके पे ही मौत हो जाती है सुशील नैना को हिला के देखता है तो उसको ये पता चल जाता है की नैना की मौत हो चुकी है सुशील नैना के शव को ठीकाने लगाने की प्लानिंग करने लगता है |

सुशील ने नैना के शव को यमुना नदी में फेकने का प्लान बनाया:

सुशील नैना के शव को एक बड़ी पोलीथिन में डालता है उसके बाद शव को कार में रख के यमुना नदी की ओर निकल पड़ता है सुशील जब यमुना नदी के पास पंहुचता है तो वहा पर अन्य दिनों की अपेच्छा भीड़ और ट्राफिक ज्यादा था सुशील को ये डर भी था की कोई उसे शव को फेकते हुए देख ना ले सुशील वहा से अपनी कार को मोड़ लेता है |

Tandoor case dehli


सुशील ने शव ठिकाने लगाने के लिए दूसरा प्लान बनाया :

सुशील नैना के शव को लेकर अपने रेस्तरां पहुचता है वहा पर वो अपने मैनेजर केशव को घटना की जानकारी देता है सुशील और केशव नैना के शव को तंदूर में जलाने की प्लानिंग करते है शव पूरी तरह से जल जाये इस लिए सुशील केशव से मख्खन मगाता है केशव और सुशील नैना के शव को तंदूर के ऊपर रख देते है जैसे चिता में आग लगायी जाती टीक उसी तरीके से वो मख्खन शव के ऊपर डाल कर शव को आग लगा देते है लेकिन मख्खन ज्यादा होने की वजह से आग की लपटें बहुत तेज उठने लगती है |

सबसे पहले गस्त लगा रहे कांस्टेबल कुंजू ने जली लाश देखी :

2 जुलाई की रात कांस्टेबल कुंजू उस इलाके में गस्त लगा रहे थे कुंजू ने रेस्तरां से जब बहुत तेज आग की लपटे उठती देखी तो उनको लगा की आग लग गयी है वो बड़ी तेजी से रेस्तरां की ओर गये वहा पे सुशील शर्मा खड़ा हुआ था पूछने पे बताया की कुछ पुराने कागज और कबाड़ है जिसको वो जला रहे है लेकिन वहा पे एक अजीब तरह की दुर्गन्ध फैली हुयी थी जिस से कांस्टेबल कुंजू को शक हुआ वो जब तंदूर के पास जाने लगे तो केशव ने उनको रोकना चाहा लेकिन कांस्टेबल कुंजू तंदूर के पास पहुच गये वहा का नजारा देख कांस्टेबल के होश उड़ गये तंदूर के ऊपर एक शव को जलाया जा रहा था सुशील शर्मा ने भागने की कोशिश की लेकिन कुंजू ने अपने साहस का परिचय देते हुए सुशील को पकड लिया |

Naina sahni tandoor kand


कांस्टेबल कुंजू ने आला अधिकारियों को दी घटना की जानकारी :

रात 1 बजे अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मैक्सवेल परेरा को सूचना मिलती है की एक रेस्तरां में एक शव को जलया गया है आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुचते है पुलिस के अनुशार नैना साहनी की लाश का निचला हिस्सा पूरी तरह जल चुका था नैना साहनी का सिर्फ जूडा था जो नही जल पाया था |

पुलिस के मुताबिक लाश अगर 20 मिनट और जलती तो फिर जाँच करने में बहुत मुश्किलें आती देश का ये पहला मामला था जिसमे पुलिस ने डीएनए और स्कल इमेजिंग का सहारा लिया |

आपको बताते चले की सुशील शर्मा फरार हो गया था लेकिन पुलिस ने उसे 8 दिन बाद पकड़ लिया पुलिस की  शानदार पैरवी से केस को बल मिला और सुशील शर्मा को मौत की सजा सुनायी गयी हलाकि उच्च अदालत ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया | 

2020 को सुशील शर्मा को रिहा किया गया :

इसके बाद 23 साल की सजा काटने के बाद सुशील शर्मा 2020 में उसके अच्छे चाल चलन की वजह से रिहा कर दिया गया जेल प्रसाशन के मुताबिक सुशील शर्मा में बहुत से बदलाव देखे गये वो जेल में पुजारी का काम करने लगा था और हमेशा भक्ती में लीन रहता था इसको देखते हुए जेल प्रसाशन की सिफारिश और उच्च न्यायलय के आदेश से सुशील शर्मा को रिहा कर दिया गया |

सुशील शर्मा ने जो किया उसकी सजा उसे मिल गयी लेकिन ऐसा जघन्य हत्या कांड देश के तमाम सामाजिक लोगों को ये सोचने पे मजबूर किया की क्या सुशील शर्मा की 23 साल की सजा काफी है |

नोट-इस घटना को बताना किसी भी अपराध को बढ़ावा या किसी भी अपराध का माहिमा मंडन करना बिलकुल नही इस कहानी को बताने का उद्देश्य केवल समाज में जागरूकता फैलाना है |

 

और नया पुराने