आज हम बात करेगे नागपुर की जहा पर 90 के दसक में एक मलिन बस्ती में इतने जुर्म हुए लेकिन पुलिस खामोश रही उस मलिन बस्ती में महिलओं के साथ इतने रेप हुए की आप इसका अंदाजा नही लगा सकते इस कहानी को सिर्फ इस लिए बता रहे है की आप खुद तय करे की हमारा सिस्टम कैसा था |
AKKU YADAV ये वही नाम है जिसे लोग गब्बर के नाम से जानते
थे कस्तूरबा नगर की स्लम में ये दरिंदा पल रहा था और खौफ का दूसरा नाम भी था पुलिस
रिकॉड में उसका नाम पहली बार सामने आया जब उस पर गैंग रेप के केस का मुकदमा दर्ज हुआ |
वैसे तो देखा जाये तो दुनिया भर में अपराध के
मामले भरे पड़े है लेकिन हम जो घटना बताने जा रहे है वो क्राइम स्टोरी इतनी खौफनाक
है की सुनने वालों की रूह तक काप जाये आज हम आपको बतायेगे नागपुर के स्लम में रहने
वाले मानव के रूप में जन्मे एक भेड़िया की कहानी जिसका नाम अक्कू यादव था |
बताया जाता है की उसके ऊपर 30 से ज्यादा महिलओं
की हत्या और रेप का इल्जाम था ये तो सिर्फ इल्जाम लगे थे बहुत सी महिलओं ने मौत के
खौफ से अपनी जुबान ही नही खोली AKKU YADAV के गुनाहों से ज्यादा चर्चा उसकी
मौत की हुयी |
आईये जानते है अक्कू यादव के बारे में : who is akku yadav ?
अक्कू यादव का असली नाम भरत यादव था उसका जन्म
1971 के आस पास महाराष्ट्र के नागपुर जिले में पड़ने वाले स्लम में हुआ था
जिसको कस्तूरबा स्लम के नाम से जाना जाता था अक्कू यादव के दो भाई और थे जो वही
स्लम में रह कर छोटा मोटा काम करके गुजर बसर किया करते थे लेकिन अक्कू यादव सुरु
से ही जुर्म की दुनिया में कदम रख चुका था कस्तूरबा नगर इलाके में 2 गैंग थे एक
में अक्कू यादव शामिल था अक्कू यादव पूरी बस्ती पे राज करना चाहता था इसी चाहत की
वजह से दोनों गैंग आपस में लड़ा करते थे |
पहली बार जब उसका नाम आया सामने:
अक्कू यादव का नाम पहली
बार सामने तब आया जब उस पर गैंग रेप के आरोप लगे इस अपराध के बाद उसने जुर्म की
दुनिया में पलट कर नही देखा और फिर एक के बाद एक अपराध करता गया अक्कू यादव की मौत
से पहले उसपे दर्जन भर से ज्यादा हत्या के मुक़दमे दर्ज हुए अक्कू यादव कई बार जेल
भी गया लेकिन हर बार वो जेल से बहार आ जाता |
1999 में पहली बार महाराष्ट्र निवारक निरोध कानून के तहत गिरफ्तार किया गया :
अक्कू यादव को पहली महाराष्ट्र
निवारक निरोध कानून के तहत एक साल के लिए हिरासत में लिया गया |
अक्कू यादव का मुख्य
धन्दा फिरौती रंगदारी अपहरण थे अक्कू यादव के ऊपर जबसे गैंग रेप का केस दर्ज हुआ
था तबसे वो पूरी बस्ती में खौफ का पर्याय बन गया अक्कू यादव अपने इलाके में चलने
वाले हर धंदे से उगाही करता था अक्कू यादव के खिलाफ जो भी आवाज उठाता था उसे या तो
मार दिया जाता था फिर घर से उठा कर उसे यातनाये दी जाती थी कोई भी उसके खिलाफ
पुलिस में शिकायत नहीं करता था |
पुलिस की भी कार्यशैली पर लगे थे इल्जाम :
अक्कू यादव ये जान चूका
था की अपराध की दुनिया में अगर बने रहना है तो पुलिस को अपने साथ मिलाकर चलना होगा
इसी वजह से अक्कू यादव पुलिस वालों पर खूब पैसे खर्च किया करता था पैसे की ही
बदौलत उसने खूब अपराध किये |
हवस की आग ने अक्कू यादव को बनाया हैवान :
अक्कू यादव हवस की आग में
इतना अन्धा हो चुका था की उसने छोटी छोटी बच्चियों को भी नहीं छोड़ा अक्कू यादव की
दहसत इतनी थी की जब वो बस्ती की गलियों से गुजरता था तो महिलाएं अपनी बेटियों को
घर के अन्दर छुपा देती थी अगर उसे कोई लड़की या औरत पसंद आ जाती तो वह उसे घर से
उठवा लेता था प्यार से माने तो ठीक नहीं तो डरा धमका के उठवा लेता था अक्कू यादव
पहले तो महिला के साथ रेप करता फिर उसे तडफा तडफा कर मार देता अक्कू यादव अपने साथ
में एक चाक़ू रखता थे जिससे वो हत्या को अंजाम देता था |
महिला को किया अगवा :
अक्कू यादव ने एक महिला
को अगवा कर लिए और उसे जंगल में ले गया जहा पर उसने महिला के साथ रेप किया फी तीन
चार घंटो बाद उसे रिहा किया अक्कू ने महिला का अपरहण करने से पहले उसके पति को
चाक़ू मारकर घायल कर दिया और महिला को घने जंगलो में ले जाकर रेप किया |
अक्कू यादव ने एक औरत की
डिलीवरी के 6-7 दिन बाद गैंग रेप किया जिस से आहत होकर उस औरत ने खुद पर तेल डाल
कर आग लगा ली |
2004 में किया गया जिलाबदर :
अक्कू यादव के जुल्म बड़ते जा रहे थे इधर नागपुर पुलिस पर दवाब बड़ता जा रहा था
लोगों का आक्रोश इतना था की की लोग रोड पर उतर आये थे इसी के चलते पुलिस ने अक्कू यादव
को सन 2004 में जिला बदर कर दिया गया लेकिन लोगों की माने तो वो छुपकर अपने जुर्म
की दुनिया को चला रहा था |
AKKU YADAV की दरिंदगी की एक और दास्तान पोती के सामने किया दादी का रेप और मर्डर :
अक्कू यादव से बस्ती की
कोई न कोई महिला उसकी हवस का शिकार थी अक्कू यादव ने एक बच्ची के सामने उसकी दादी
का रेप किया और और फिर उसे बड़ी बेरहमी से क़त्ल कर दिया |
अक्कू यादव के खिलाफ एक महिला ने खोला मोर्चा :
अक्कू यादव के जुल्म दिन
पर दिन बढते जा रहे थे बस्ती हर महिला उसके जुल्म से परेशान थी एक दिन एक महिला ने
अक्कू यादव के खिलाफ आवाज उठाई जिनका नाम था ऊषा नारायण कस्तूरबा बस्ती के पुरुष
भले खामोश रहे हो लेकिन ऊषा नारायण के समझाने पर बस्ती की सभी महिलाओं ने अक्कू
यादव के खिलाफ लड़ने का बिगुल फूक दिया ऊषा नारायण ने बस्ती की महिलओं को अक्कू
यादव के खिलाफ आवाज उठाने को कहा और सभी महिलओं को जागरूक किया इसका असर ये हुआ की
महिलाए जागरूक हो गयी और सभी ने लड़ने का मन बना लिया |
ऊषा नारायण की बातों का बस्ती के लोगों पर हुआ असर :
ऊषा नारायण की बातों का
बस्ती के लोगों पर बहुत असर हुआ अक्कू यादव ने जब देखा की पूरी बस्ती उसके खिलाफ
है तो उसने अपने साथियों के साथ बस्ती को छोड़ दिया अक्कू यादव इतना शातिर था की
उसे लगा की उसके बचने का कोई तरीका नही है तो उसने पुलिस स्टेशन जाके सरेंडर कर
दिया |
पुलिस की अभिरक्षा में अक्कू यादव को अदालत में पेश किया गया :
13 अगस्त 2004 को अक्कू यादव को अदालत में पुलिस अभिरक्षा में वही लगभग तीन बजे पेश किया गया उस दिन कोर्ट महिलओं से भरा हुआ था पुलिस भी हैरान थी की इतनी महिलाए कहा से आ गयी है अक्कू यादव की पेशी हुई तभी अचानक महिलओं के एक समूह ने चाक़ू से हमला कर दिया महिलओं की भीड़ इतनी ज्यादा थी की पुलिस वाले अक्कू यादव को छोड़ के भाग गये अक्कू यादव पे इतने चाकू के वार हुए की उसका प्राइवेट पार्ट भी कट कर अलग हो गया |
वही अक्कू यादव था जिसने महिलओं पे हद से ज्यादा जुर्म किये थे और वही आज
कोर्ट के विटनेस बॉक्स में लहू लूहान पड़ा हुआ था उसकी उसका शारीर चाकुओ के वार से
छलनी हो चुका था बताते है की चार सौ महिलओं का एक समूह कोर्ट में आया था क्योकि
महिलओं को लग रहा था अक्कू यादव को कोर्ट से रिहा कर दिया जायेगा इसी वजह से सारे
शहर की महिलाये उस दिन कोर्ट में इकठ्ठा हो गयी थी बाद में महिलओं को गिरफ्तार भी
किया गया लेकिन केस में पुलिस ने बताया की महिलओं की भीड़ में कुछ पुरूष भी थे
जिन्होंने इस घटना क्रम को अंजाम दिया था लेकिन महिलओं का कहना था की उन्होंने
अक्कू यादव के जुर्म से तंग आके ये कदम उठाया था बाद सभी महिलओं को कोर्ट से बरी
कर दिया गया आज की CRIME STORY बस इतना बहुत जल्द मिले फिर एक नयी स्टोरी के साथ |