Israel-Hamas War: रफाह में इजरायली हमले को लेकर क्यों मचा है इतना कोहराम

israel hmas war

 

दोस्तों आज बात करेंगे 24 मई  को  इजरायली लड़ाकू विमानों ने रफाह के एक कैंप पे हमला बोला जिसमे करीब 45 लोगों की मौत हो गयी जिसमे ज्यादा तर महिलाए और बच्चे थे लेकिन ये हमला कोई जान बूझ  कर नहीं किया गया था इजरायली विमान जब हमास के ठिकानों पर बम्बारी कर रहे थे तो वही पास के रिफूजी कैंप में चिंगारी से आग लग गयी जिसमे की आम नागरिक मारे गए दोस्तों ये हमास के लोग अपनी मौत से इतना घबराये हुए है की ये जहा पर रिफूजी कैंप होते है वही पे अपना ठिकाना बना लेते है  |


अब जब 45 निर्दोष नागरिक मर गये तो सारे इस्लामिक देशों ने हाय तौबा मचानी शुरू कर दी लेकिन मै ये पूछना चाहता हू जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने 1500 निर्दोष नागरिकों को मारा था और करीब 500 के आसपास बंधक बना कर अपने साथ ले गये थे तब ये सब कहा थे |


हमास के आतंकियों ने इतनी बर्बरता की है जो मै यहाँ बता भी नही सकता बस ये जान लो की एक यहूदी लड़की के साथ तब तक रेप किया जब तक की वो मर  नहीं गयी कई लड़कियों को बिना कपडों के घुमाया गया फिर उनके साथ रेप किया गया उनको जिन्दा काटा गया तब ये इस्लामिक देश बहुत खुश थे |


अब जब इजरायल बदला ले रहा है और ये कायर आतंकी आम नागरिकों को अपनी ढाल बना रहे है और उनकी मदद भी ये आम आदमी कर रहे है क्योकि 7 अक्टूबर को जब हमास ने इजरायल पर हमला बोला था तो यही फलिस्तीनी आम नागरिक जश्न मना रहे थे |


मै यहा पर ये बिलकुल भी नही कह रहा की इजरायल ने जो किया वो सही है या आम नागरिकों को मारना सही है ये मानवता के खिलाफ है क्योंकि जैसा हमास ने किया वैसा अगर इजरायल भी करेगा तो फिर दोनों में फर्क क्या बचेगा रफाह में जो 45 आम नागरिक मारे गये उनकी कोई गलती नही थी लेकिन ये जो कुछ भी हुआ वो सिर्फ एक दुर्घटना थी |


दोस्तों हमे ये अभी भी नही भूलने चाहिए की हमास ने अभी भी बंधको को नहीं छोड़ा है हमास अपनी शर्ते मनवाना चाहता है उसे फिलीतीन के आम नागरिकों की कोई चिंता नही है हमास ने लड़ने के लिए बहुत पहले से तैयारी की थी तभी तो उसने पूरे  गाजा में सुरंगों का एक जाल बिछा के रखा था |


और सारी सुरंगों के मुहाने स्कूल या हस्पिटल में खुलते थे ,थे शब्द का इस्तेमाल इस लिए कर रहा हू की इजरायल ने जहा जहा उसे इनपुट मिले उन सारे ठिकानों को नष्ट कर दिया पूरा वर्ल्ड चिल्लता रह गया लेकिन इजरायल नही माना दोस्तों इजरायल अब रुकने वाला भी नहीं है जब तक वो पूरे हमास का सफाया जड़ से नही कर देता |


आप सभी को ये सोचना चाहिए की ऐसा क्यों है की इस्लामिक देश ये तो कह रहे है की ये गलत हो रहा है अमेरिका ये सब करवा रहा है लेकिन कोई भी इस्लामिक देश एक भी फिलिस्तीन के नागरिक को अपने यहाँ घुसने नहीं दे रहा है बस ये कह रहे है पैसा ले लो लेकिन मेरे यहां आओ मत जानते हो आप ऐसा क्यों है क्योकि इसमे खुद फिलस्तीनियों का गन्दा इतिहास है |


Six Day War : छह दिनों का युद्ध


1967 में जब युद्ध हुआ था तो इजरायल ने  जोर्डन के कब्जे वाले वेस्ट बैंक को अपने कब्जे में ले लिया तो वेस्ट बैंक में इजरायल से संघर्ष कर रहे फिलिस्तीनियों का जोर्डन जाने का सिलसिला सुरु हो गया बहुत सारे फिलिस्तीनी जोर्डन में  शरण लिए हुए थे उस समय फिलिस्तीन का एक संगठन हुआ करता था पीएलओ जो इजरायल से संघर्ष कर रहा था पीएलओ के मुखिया थे यासिर अराफात जो बाद में फिलिस्तीन के प्रधान मुखिया भी बने |


फिलस्तीनियों की अच्छी खासी आबादी जोर्डन में थी जो की एक रिफूजी की तौर पर थे जिनको जोर्डन ने पनाह दी थी जोर्डन में पीएलओ ने नयी भर्तिया सुरु कर दी और पीएलओ को वित्तीय मदद भी मिली जिससे पीएलओ की शक्ति में भारी इजाफा हुआ लगभग 1970 में पीएलओ ने जोर्डन की राजशाही को उखाड फेकने का फैसला किया किंग हुसैन को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने फिलिस्तीनियों को बहार करने का फैसला किया |


1970 जोर्डन और पीएलओ के बीच हिसंक झडपे शुरू हुई :


1970 को जोर्डन और पीएलओ के बीच हिंसक झडपे शुरू हो गयी जोर्डन के किंग पीएलओ पर पूरी ताकत से हमला नही कर पा रहे थे क्योकि जोर्डन में कुछ बिद्रोही गुट पीएलओ का साथ दे रहे थे ऐसे में जोर्डन में गृह युद्ध की संभावना बढती जा रही थी |


जोर्डन ने इजरायल से बढायी नजदिकिया :


जोर्डन किंग ने फिलिस्तीनियों को बहार करने के लिए इजरायल से हाथ मिलाना उचित समझा 1970 को तेल अवीव में अमेरिकी दूतावास ने किंग की तरफ से इजरायल को लिखित में कुछ सवाल पूछे हुसैन ने पुछा था की अगर वो अपनी सेना को इजरायल सीमा से हटा ले तो इजरायल उन पर हमला तो नही करेगा इस पर इजरायल ने जोर्डन को आश्वासन दिया था की वो हमला नही करेगा लेकिन उसके कुछ दिनों बाद इजरायल ने जोर्डन पर हमला बोल दिया ये हमला इस लिए किया गया था की इजरायल पर 3 जून को आत्मघाती हमले हुए थे ये उसका जवाब था इजरायल ने जब हमला बोला तो जोर्डन ने भी जवाब दिया लेकिन किंग हुसैन को समज में आ गया की जवाबी कार्यवाही करना पीएलओ को सीधे फायदा पहुचायेगा आपको ये जानना जरुरी है की जो भी इजरायल पर हमले हो रहे थे वो पीएलओ के द्वारा ही किये जा रहे थे |


Israel-Hamas War



जोर्डन ने अमेरिका से युद्ध विराम के लिए अनुरोध किया और ये भी कहा की वह इजरायल पर कोई हमला अपने जमीन से नहीं होने देगा अमेरिका ने इजरायल पर अपना दवाब बनाया और बाद में इजरायल ने युद्ध विराम के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया |


पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन (पीएफएलपी) :


पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन (पीएफएलपी) ने तीन विमानों को हाईजैक कर लिया तीनो ही विमान नागरिक विमान थे और जबरजस्ती उनको जोर्डन के शहर जरका में उतरा गया जोर्डन किंग हुसैन जान गये थे की अब उनका वजूद खतरे में है उनके आदेश पर सेना ने फिलिस्तीनी रिफूजी जगह पर हमले सुरु कर दिए क्योंकि ज्यातर फिदायीन वही कैंप में छुपे हुए थे |


सीरिया ने भी इस युद्ध में हिस्सा लिया और उसके भी सैनिक पीएलओ की तरफ से लड़े लेकिन सीरिया को इसमे भारी नुकसान उठाना पड़ा बाद में कई इस्लामिक देशों के दवाब में जोर्डन ने युद्ध विराम किया हलाकि 1971 में जोर्डन ने फिर हमला किया और एक एक फिलिस्तीनी को अपने देश से बहार कर दिया |


तो दोस्तों ये है फिलिस्तीनियों का इतिहास अब आप बताओ की कोई मुल्क इनको शरण कैसे दे अगले लेख में आपको बतायेंगे पकिस्तान के दोगले चरित्र के बारे में जो फिलिस्तीनियों पर अपने घडियाली आंशू बहा रहा है उसने खुद हजारों फिलिस्तीनियों को मारा था आज के लिए इतना ही अलविदा |  


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