HAJRATBAL DARGAH STORY :कश्मीर की वो कहानी जिसे पूरे देश को जानना चाहिए

 

HAJRATBAL DARGAH STORY :कश्मीर की वो कहानी जिसे पूरे देश को जानना चाहिए

अक्टूबर 1993 : स्थान श्रीनगर जम्मू एंड कश्मीर

आज एक सच पूरे देश को जानना चाहिए की कैसे कुछ बेहद अहम समाचार छुपा लिए जाते है इसी कड़ी में एक अहम और शर्मनाक वकाया घटित हुआ था श्रीनगर में लेकिन इस खबर को उस वक्त की केंद्र सरकार ने छुपा लिया जबकि केंद्र सरकार की ये नैतिक जिम्मेदारी होती है की देश में क्या हो रहा है ये जनता के सामने रखें ये बात है 1993 की उस वक्त जम्मू एंड कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था और केंद्र में सरकार थी वी पी नरसिम्हा राव की |

हजरतबल दरगाह (HAZRATBAL DARGAH) में घुसे 40 से ज्यादा आतंकी :

1993 के अक्टूबर महीने में हथियार बंद अफगान पाकिस्तानी हजरतबल दरगाह में घुस गये हजरत बल दरगाह श्रीनगर की सबसे बड़ी मस्जिद भी है जितने भी आतंकी थे वो सभी भारी हथियारों से लैस थे |

डल झील के किनारे बनी है हजरत बल दरगाह :

हजरत बल दरगाह डल झील के किनारे बनी है कहा जाता है की इस दरगाह में हुजूर का बाल रखा है इसीलिए पूरे देश से मुस्लिम समाज के लोग यहाँ आते है दरगाह की जो रखवाली करते थे उनको अहसास हुआ की आतंकी हमला है उन्होंने सबसे पहले पुलिस को खबर की उसके बाद हुजूर का बाल एक ताले के अन्दर रख दिया |

केंद्र में पी वी नरसिम्हा राव थे जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था उस वक्त राज्यपाल थे सेवानिवृत्त जनरल केवी कृष्णा रावउनके सुरक्षा सलाहकार थे सेवानिवृत्त जनरल एमए ज़कीउन्होंने तुरंत आदेश दिया BSF को घेरा डालने का आदेश दे दिया जाए ,BSF ने घेरा डाल दिया।

रक्षा अधिकारी चाहते थे की कमांडों कार्यवाही करके दरगाह को खाली करवा लिया जाये :

बहार BSF अन्दर आतंकी और अन्दर मौजूद 100 से ज्यादा निर्दोष लोग दिल्ली सरकार अभी आपरेशन ब्लूस्टार भूल भी नहीं पायी थी की एक और मुसीबत खड़ी हो गयी दिल्ली सरकार की  जान हलक में आ गयी वो सोच ही नहीं पा रहे थे की ऐसे में क्या किया जाए |

सरकार ने कमांडो कार्यवाही की इजाजत नही दी :

सरकार ने आतंकियों से बात करने का फैसला किया सरकार ने एक वरिष्ठ नौकरशाह वजाहत हबीबुल्लाह को बात करने के लिए दरगाह के अन्दर भेजा वजाहत  हबीबुल्लाह आतंकियों के सामने गिडगिडाने लगे बंधको को छोड़ देने की अपील की आतंकी इस पर तैयार हो गये लेकिन जो आम लोग अन्दर मौजूद थे उन्होंने बहार आने से मना कर दिया |

फौजी सलाहकारों ने दूसरा तरीका सुझाया :

फौजी सलाहकारों ने सुझाव दिया की दरगाह के अन्दर की बिजली पानी काट दी जाए यही ट्रिक सबसे कामयाब रही थी जिसे जिसे स्वर्ण मंदिर में आजमाया गया था सरकार ने बिजली पानी काटी भी लेकिन कश्मीर के लोग दरगाह में नवाज पढ़ने को मचलने लगे सरकार बैकफुट पर आ गयी और फिर से बिजली पानी की सप्लाई चालू कर दी गयी BSF को घेरा डाले हुए हफ़्तों बीत गया था लेकिन सरकार की तरफ से कोई फैसला नहीं हो पा रहा था |

HAJRATBAL DARGAH STORY :कश्मीर की वो कहानी जिसे पूरे देश को जानना चाहिए
ऐसा ही एक प्रदर्शन बीजबेहडा कस्बे में हुआ था जिसमे गोलीबारी हुयी थी और 75 लोग मारे गये थे सरकार को डर था की BSF कही विद्रोह कर के दरगाह के अन्दर न घुस जाये सरकार ने BSF को हटा कर दरगाह के बहार सेना तैनात कर दी अन्दर छुपे आतंकियों ने बहार तैनात अधिकारीयों को खबर भेजी की उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है अत: आम लोगो के लिए खाने का इंतजाम किया जाए नरसिम्हा राव सरकार ने आतंकवादियों की ये बात भी मान ली जबकि सेना ने इसका पुरजोर विरोध किया सेना का कहना था की जब बिरियानी ही भेजनी है तो घेराबंदी का क्या तुक है |

आतंकवादियों ने बिरियानी खाने से किया मना :

जैसे तैसे सरकार ने बिरियानी का इंतजाम किया फिर जब बिरयानी अन्दर जा रही थी तो सेना ने कमांडो कार्यवाही का प्रस्ताव रखा लेकिन लेकिन सरकार ने मना कर दिया जबकि सेना ने केंद्र सरकार को ये गारंटी दी थी की ये कमांडो कार्यवाही सिर्फ 10 मिनट चलेगी और एक भी निर्दोष नहीं मारा जायेगा लेकिन केंद्र की सरकार ने साफ़ आदेश दिया की जो बात हबीबुल्लाह कहे उसी को माना जाएगा इसके बाद दरगाह के अन्दर बिरियानी भेजी गयी लेकिन आतंकवादियों ने बिरियानी खाने से इन्कार कर दिया वजह ये थी की बिरियानी सरकारी मेस में बनी थी |

आतंकवादियों के इन्कार करने के बाद श्रीनगर के सबसे महगें होटल से बिरियानी मगायी गयी और इसे अन्दर ले गये हुर्रियत पार्टी के लोग तब जाके आतंकवादियों ने आराम से बिरियानी खायी ये सिलसिला लगभग हफ्ते भर चला |

सरकार ने फ्री रास्ते जाने का रखा प्रस्ताव :

केंद्र सरकार ने फ्री पैसेज का प्रस्ताव आतंकवादियों के सामने रखा और कहा की हथियार अन्दर छोड़ के आप लोग चले जाये लेकिन आतंकवादियों ने जवाब दिया की हथियार तो साथ लेके जायेंगे अत : सरकार ने इस प्रस्ताव को भी मान लिया अंत करीब 40 पाकिस्तानी आतंकवादी AK-47 लहराते हुए भाररतीय सेना के सामने से निकल गये और कश्मीर की गलियों में गुम हो गये |

 

 


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