कौन थी गिरजा टिक्कू (story of girja tikku ):
गिरजा टिक्कू एक कश्मीरी महिला पंडित जिसकी चीखे
आज भी कश्मीर की वादियों में गूजती है गिरजा टिक्कू ही नहीं कश्मीरी पंडितो के कई
ऐसे परिवार थे जिनके साथ जो बर्बरता की गयी वो आप लोग यकीन नहीं कर पायेंगे गिरजा
टिक्कू भले ही इतिहास के कोने के पन्नो में धूल फाक रही हो लेकिन इतना तो तय है की
उस वक्त की सरकार ने जो किया और अपनी ऑंखें बंद किये रही वो भी उसकी जिम्मेदार है
गिरजा टिक्कू की दर्दनाक कहानी 1990 के दशक 
में कश्मीरी पंडितो पर हुए जुल्म की कहानी है जब जब भी 90 के दशक की बात
होगी तो गिरजा टिक्कू की चीखे सुनायी पड़ेगी | 
आईये बात कश्मीर के 90 के दशक की जिसकी नजर कभी
भी मानवधिकार आयोग या सयुक्त राष्ट्र जैसे दोगले संगठन की नजर नही पड़ी मानवधिकार की नजरो में
कश्मीरी पंडित इंसान नही थे | आज गाजा में जो हो रहा है उसके लिए तो पूरा मुस्लिम
विश्व बहुत हाय तौबा मचा रहा है लेकिन हमास के आतंकियों ने जो किया जिसमे वहा के
आम नागरिक भी सामिल थे ऐसे कई विडिओ है जिसमे हमास के आतंकी इसरायल की महिलाओं को
गाजा की सडको पर नग्गा घुमा रहे थे और गाज़ावासी जश्न मना रहे थे तो जो कुछ भी हो
रहा है उसमे गाजा वासी भी सामिल है याद रखिये ये युद्ध दुनिया कभी भी भूल नही पायेगी
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आईये अब आते है कश्मीर के मुद्दे पर :
गिरिजा टिक्कू बारामूला
जिले के अरिगाम गांव की रहने वाली थीं और एक स्कूल में लैब सहायिका के तौर पर काम
करती थीं। में जब कश्मीर घाटी में आतंकवाद और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हिंसा का
माहौल बढ़ा, तो उनका परिवार
भी जम्मू पलायन कर गया था। 
गिरजा टिक्कू (Girja Tikku) को एक उसके ही दोस्त
ने फ़ोन करके बताया की अब सब कुछ सामान्य है अपनी सैलरी ले लो पहले तो गिरजा टिक्कू
को उसकी बात पर यकीन नहीं हुआ लेकिन जब उसकी और मिलने वाली सहेलियों ने फ़ोन किया
जिसमे ज्यादातर मुस्लिम थी तो गिरजा टिक्कू को भी यकीन हो और इधर गिरजा के परिवार
की आर्थिक हालत भी बहुत नाजुक हो चुकी  थी |
गिरजा टिक्कू (Girja Tikku) की अंतिम यात्रा जो घर वापसी न बन सकी :
गिरजा टिक्कू अपना वेतन
लेने अपने स्कूल 25 जून 1990 को पहुची वेतन लेने के बाद वह अपनी मुस्लिम दोस्त के
घर गयी अपने दोस्तों से मिलने के बाद वह बस से वापस आ रही थी रस्ते में वैन से आये
पांच हथियारों से लैस आतंकवादियों ने गिरजा टिक्कू को उतार लिया और वैन में डालकर
फरार हो गये |
अमानवीयता की इंतहा :
इसके बाद जो हुआ वह मानवता
के इतिहास का एक काला अध्याय था गिरिजा के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और
उन्हें अमानवीय यातनाएं दी गईं  हैवानियत
की सारी हदें पार करते हुए, 25 जून, 1990 को
आतंकवादियों ने उन्हें एक आरा मशीन से जिंदा ही बीच से सर तक चीर दिया यह
बर्बर  घटना कश्मीर घाटी में कश्मीरी
पंडितों के मन में डर पैदा करने और उन्हें घाटी छोड़ने पर मजबूर करने के लिए की गई
थी।
गिरजा टिक्कू की दोस्त ने ही दी थी गिरजा के आने की सूचना :
जो कश्मीर में भाईचारे की
बात करते है और अमन पसंद है वही नेता ये नहीं जानते थे की कश्मीर में हिन्दुओ की
मौजूदगी खटकती है गिरजा टिक्कू की मुस्लिम महिला मित्र ने उसे धोखे से बुलाया था
और उसे यकीन दिलाया था की अब सब कुछ सामान्य है शायद ही किसी को ये मालूम हो की
विश्व के सबसे बड़े दो पलायन भारत में ही हुये पहला पलायन बटवारे के वक्त और दूसरा
1990 के दशक में इस पलायन की जिम्मेदार सिर्फ एक ही सरकार थी जिसने कोई कदम नहीं
उठाया वो भी सिर्फ इस लिए की उसे अपने वोट बैंक खोने का डर था |
कश्मीर की मस्जिदों से हिन्दुओ कश्मीर खाली करने की हुयी घोषणा :
कश्मीर की मस्जिदों से
कश्मीर खाली करने की घोषणा होने लगी ये कोई बहार से आये लोग नही थे ये सब वही के
मुस्लिम थे जिन्हें जम्मू कश्मीर सरकार ने आतंकवाद का नाम दिया कश्मीरी पंडितो के
घर बार और मकान तक छीन लिए गये अभी हाल में पहलगाव घटना हुयी जहा पर हिंदूओ को धर्म
और कलमा पढ़ा कर् मारा गया याद है जब एक फिल्म कश्मीर फाइल्स आई थी तो लोगो ने इसे
प्रोपोगंडा बताया था जिसमे कयी बड़े नेता भी सामिल थे जब बीस साल बाद कोई पहलगाव पर
फिल्म बनाएगा तो लोग इसे नकार देगें और मुस्लिम प्रेमी नेता इसे प्रोपोगंडा कहेंगे
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