Crime Story Kanpur : जुर्म के कई ऐसे मामले होते है जो दिल को दहला देते है ,और हमारे पुरे सभ्य समाज के लिए कलंक बन जाते है न चाहते
हुए भी हमारा इस सभ्य समाज से भरोसा उठने लगता है और न चाहते हुए भी हम ये सोचने
पे मजबूर हो जाते है की क्या समाज ऐसा होना चाहिए ,
चलिए आज हम बात करेगे ऐसे ही हत्या कांड की जिसने पूरे देश को दहला के रख दिया था जी हा कानपुर के ज्योति हत्या कांड की ,ज्योति को उसके ही पति द्वारा भाड़े के कातिलो के द्वारा बड़ी ही बेरहमी से चाकुओ से गोद गोद कर हत्या कर दी गयी |
रविवार 27 जुलाई 2014 : उत्तर प्रदेश का महानगर कानपुर उस शाम भी कुछ अपने ही अंदाज में व्यस्त था ,शाम हो रही थी गर्मी भी ज्यादा थी लोग अपने घरो को लौट रहे थे हर शहर का ये रिवाज है की जब एक तबका घर लौट ता है तो एक एक तबका घूमने को बहार निकलता है , रात के करीब १२ बजे पुलिस कंट्रोल रूम में खलबली मच जाती है सूचना मिलती है की शहर के एक बड़े व्यापारी की बहु को कुछ लोगो ने अपहरण कर लिया है ,ये खबर जैसे ही सुनाई देती है तो पूरा पुलिस महकमा हिल जाता है और सभी अलर्ट मोड में आ जाते है |
शहर के एक बड़े कारोबारी के बेटे ने पुलिस को इत्तिला दी कि कुछ बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें रास्ते में रोक कर उनकी पत्नी को कार समेत अगवा कर लिया और उनके साथ मारपीट की. कारोबारी के बेटे ने पुलिस को बताया कि बदमाशों ने इस वारदात को उस वक्त अंजाम दिया, जब वह करीब 11:30 बजे अपनी पत्नी ज्योति के साथ होंडा अकॉर्ड कार में सवार होकर कार्निवल नाम के एक रेस्तरां से घर की तरफ वापस लौट रहे थे |
पुलिस को इत्तिला देने वाला कोई छोटा मोटा या मामुली इंसान नहीं था. वो शहर के अरबपति कारोबारी ओम प्रकाश दासानी का 30 वर्षीय छोटा बेटा पीयूष था. लिहाजा पुलिस अमला हरकत में आ गया. शहरभर में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई थी. पुलिस अब पीयूष की कार और पत्नी ज्योति को तलाश कर रही थी. पीयूष का रो रो कर बहुत बुरा हाल था. वो पाण्डुनगर में अपने बंगले पर आ चुका था. ज्योति के अगवा हो जाने ख़बर पूरे शहर में आग की तरह फैल चुकी थी |
दासानी परिवार के बंगले पर धीरे धीरे सारे रिश्तेदार जमा होने लगे थे तमाम आला अधिकारी भी बंगले पे पहुच चुके थे, वो पियूष से बात करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन पियूष रोये जा रहा था बड़ी मुश्किल से जब उसके घर वालो ने चुप कराया तब उसने बताया की कम्पनी बाग चौराहे से रावतपुर होते हुए वो घर आ रहा था की तभी कुछ बदमाशो ने उसकी कार रुकवा ली और उसे बहार घसीट कर मारने लगे ,ज्योति उसे बचाने के लिए बहार आ गयी लेकिन वो उसे मरते रहे जब वो गिर गया तब वो ज्योति को कार में घसीट कर जबरजस्ती कार के साथ फरार हो गये |
इसके बाद वो जैसे तैसे उठा उसने ज्योति के फोन पे काल लगानी
सुरु की लेकिन फोन उठ नही रहा था ,इसके बाद एक बार फिर काल
लगाने पे काल उठ गयी फ़ोन पे ज्योति के चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी वो जोर जोर से
छोड़ दो छोड़ दो की गुहार लगा रही थी इसके बाद फ़ोन कट गया ,दोबारा फ़ोन मिलाने पर फोन स्विच ऑफ बताने लगा |
पियूष ने बताया फ़ोन जब बंद बताने लगा ,तो वह वहा से रावतपुर पंहुचा फिर वहा से पुलिस स्टेशन और पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी और फिर घर वालो को बताया ,पुलिस ने बयान दर्ज कर लिया और पूरे शहर में नाकेबंदी कर दी पूरी रात तलाशी अभियान चलता रहा जिसमे की कई बड़े अधिकारी भी शामिल रहे लेकिन कोई भी सफलता हाथ नहीं लगी ,सुबह हो चुकी थी पुलिस पूरी जी जान से लगी हुयी दोपहर करीब दो बजे होगे की कानपुर के पनकी छेत्र से पियूष की कार बरामद हुयी और उसके अन्दर ज्योति की खून से सनी हुयी लाश पड़ी थी,पुलिस ने पियूष के घर वालो को सूचित कर दिया सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया ,पुलिस के कई अधिकारी मौका-ए-वारदात पे पहुच चुके थे |
कार और लाश दोनों बरामद हो चुकी थी लेकिन कातिलो
का कोई भी सुराग या सबूत नही मिल रहा था पुलिस अब केवल यह वजह तलास रही थी की आखिर
क़त्ल हुआ क्यों है ,पुलिस ने ज्योति के शव
को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के अनुसार ज्योति के
जिस्म पर १६ से १८ गहरे घाव थे ,पुलिस भी हैरान थी की आखिर इतनी बेरहमी से क़त्ल
क्यों किया गया कातिलो का मकसद क्या हो सकता है |
एक टीशर्ट ने सुलझायी पूरे केस की गुत्थी
इस केस को वरिष्ट अधिकारी IG आशुतोष पांडे खुद lead कर रहे थे CCTV चेक करने
के दौरान बड़ी ही हैरान करने वाली बात सामने आयी और उसी CCTV ने सारे केस को सुलझा
दिया ,CCTV देखने पर पियूष की टीशर्ट पर नज़र गयी क्योकि जब वो पोस्टमार्टम हाउस
में था तो टीशर्ट बदली हुयी थी और जो
टीशर्ट वो रेस्टोरेंट में पहने हुए था वो दूसरी थी बस यही से पुलिस की शक की सुई
पियूष पर घूम गयी पुलिस ने गौर किया की पियूष से मारपीट हुई थी लेकिन चोट का कोई
भी निशान नहीं दिखाई दे रहा था और फिर सूचना देने की जो टाइमिंग थी वो भी मेल नहीं
खा रही थी |
IG Ashutosh Pandey Pic-credit-Social Media
पुलिस ने पियुष की CDR निकलवायी तो पता चला की
पियूष किसी लड़की के संपर्क में था जिस पर वो रोज बात किया करता था ,पुलिस ने उसके
फ़ोन के मेसेज डिटेल्स निकले तो उसमे कम्पनी के द्वरा हजारो पन्नो की लिस्ट दी गयी
और नंबर भी सिर्फ एक पुलिस ने उस नंबर की डिटेल्स खगाली तो उस नंबर से भी पियूष से
घंटो बाते हुयी और हर रोज होती थी पुलिस ने उस नंबर के बारे में पता किया तो वो
किसी मनीषा मखीजा के नाम पर था ,मनीषा के बारे में पता करने पर पता चला की वो भी
शहर के मशहूर व्यापारी हरीश मखीजा की बेटी थी अब पुलिस को समझते देर न लगी की आखिर
मामला क्या है ,पियूष से पूछ-तांछ की जाने लगी पहले तो उसने बहुत कोशिश की खुद को
बचाने की लेकिन पुलिस की सख्ती देख वो टूट गया और उसने सारे राज उगल दिए |
पियूष के अनुशार उसने अपने ड्राईवर के साथ खुद
ही ज्योति की हत्या की साजिस रची थी और उसने बचने के लिए फुल प्लान भी बनाया था
,वो मनीषा मखीजा से शादी करना चाहता था इसी वजह से उसने ज्योति की हत्या करवाई ,
क्योकि ज्योति को मनीषा मखीजा के बारे में पता चल गया था पियूष और ज्योति में
अक्सर इस बात पर झगड़ा भी हुआ करता था और इधर मनीषा पियूष के ऊपर शादी का दवाव भी
बना रही थी इसी लिए पियूष ने ड्राईवर अवधेश और एक नौकर को शामिल कर के इस घटना को
अंजाम दिया |
घटना का खुलाशा होते ही पुलिस ने सभी अपराधियों
को जेल भेज दिया पुलिस की चालाकी के आगे पियूष की सारी चालाकी धरी रह गयी, पुलिस ने
जिस तरीके से इस केस को सुलझाया वो काबिले तारीफ थी इस केस को सुलझाने के बाद कानपुर पुलिस ने पूरे
देश में वाहवाही लूटी ,गुनाह कैसा भी कही भी करो एक दिन खुल के रहता है इस लिए
समाज में हम सब लोगो को जागरूक होने की जरुरत है |