Mis-Articulation : Tutlana
तुतलाना भी एक तरीके से
हकलाने जैसी गन्दी आदत होती है बच्चा जब बोलना सीखता है तो सुरुआती दौर में रोटी
को लोटी बोलता है, ये शुरु में सबके
साथ और हर बच्चो में पाया जाता है यहाँ पर जो माता पिता है उनको ये चाहिए की
बच्चों को शब्दों का सही उच्चारण करना सिखाएं |
Kanpur Speech Therapy
तुतलाना हकलाने से बिलकुल
अलग होता है जैसे हकलाने में आप देखते है की हकलाने वाला व्यक्ति किसी भी शब्द पे
हकला सकता है लेकिन तुतलाने में ऐसा नहीं है ,तुतलाने में व्यक्ति उसी शब्द का गलत उच्चारण करेगा जिसे वो
बचपन में सही से बोलना सीख नहीं पाया है या माता पिता ने उसके गलत उच्चारण पे
ध्यान नही दिया तुतलाने वाला व्यक्ति एक या दो शब्द का ही गलत उच्चारण करेगा जैसे
ला को या ,और का को ट ,रा को ला बस यही
वो शब्द है जिनपे बच्चे गलत उच्चारण करने लगते है और बड़े होने पर भी उनका उच्चारण
ठीक नही हो पाता है फिर उनको पूरा जीवन
गलत उच्चारण के साथ ही गुजारना पड़ता है ,ये बात आपको सुनने में भले ही बुरी लगे लेकिन यही जीवन की
हकीकत है |
यहाँ पे एक बात और जान
लेना जरुरी है की जैसे हकलाने की कोई दवा पूरे संसार में नहीं है ठीक उसी प्रकार
से तुतलाने यानि गलत उच्चारण की भी दवा पूरे संसार में नही है |
क्या तुतलाना ठीक हो सकता है ?
तो यहाँ पे आपको बताना
चाहेगे की तुतलाना बिलकुल ठीक हो जाता है जिन शब्दों का आप गलत उच्चारण करते है
उन्ही शब्दों पे ही, हमारे सेण्टर में
काम किया जाता है ,बस इसमे आपको कड़ी
मेहनत करनी पड़ेगी और जिन शब्दों का उच्चारण आप सही नही कर पाते है उन्ही शब्दों को
आपको एक महीने तक अभ्याश कराया जायेगा इस तरीके से धीरे धीरे आपका उच्चारण अपने आप
ठीक होने लगेगा |
हकलाना और तुतलाना इन
दोनों में क्या अंतर है ?
हकलाने में व्यक्ति अटक
अटक कर या एक ही शब्द को कयी बार बोलता है जैसे प-प –प प पानी ये हो
गया हकलाना ,अब रही बात तुतलाने
की तो तुतलाने में व्यक्ति शब्दों का केवल गलत उच्चारण करता है जैसे ल को य ,र को ला क को ट
बोलता है तुतलाने में व्यक्ति अटकता नहीं है |
अगर आपके आस पास या सगे
सम्बन्धी में कोई भी व्यक्ति ऐसा है जो तुतलाता या हकलाता है तो आप हमसे संपर्क
करें |
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करें