SC/ST :जिस तरह से इस कानून का दुरप्रयोग किया गया अब जरुरी है की इस कानून में बदलाव किया जाये

fake case sc st

 

आईये जानते है की किस तरीके से इस कानून कर दुरप्रयोग होता रहा और मीडिया ने इसको कैसे छुपा लिया सबसे ज्यादा मीडिया ने ब्राह्मण को बदनाम किया  मीडिया ने जातीवाद के नाम पर सबसे ज्यादा बदनाम पंडितों को किया गया और बड़ी ही चतुराई से मीडिया ने इस मुद्दे को कभी उठाया ही नही  SC/ST मामले को अलग छांट दिया मीडिया ने कभी भी इस कानून पर चर्चा करने की जरुरत नहीं समझी |


2021 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो दिखया जिसमे जातिवाद रूप दिया गया विनोद नाम के एक दलित व्यक्ति को दूसरी जाति के लोगों से लड़ते दिखाया गया विनोद ने पत्थर से खुद को घायल किया फिर झूठे  मुकदमे दर्ज कराये इस केस में क्या हुआ ज्यादा जानकारी नहीं हो पायी |


उत्तर प्रदेश जिला अलीगढ़ दलित दम्पति ने फर्जी 10 से ज्यादा SC/ST मुकदमे दर्ज करवाये :

 

दलित विष्णू और उसकी पत्नी ने 10 अलग अलग मामलों में SC/ST मुकदमा दर्ज करवाया और करोडों रुपैये ऐठ लिए |

2016 में विष्णू ने अपना 11वा  केस दर्ज करवाया उसने आरोप लगाये की उसको पीटा गया और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है विष्णू पुलिस स्टेशन जाता है जहा पर उसकी सुनवायी नहीं होती है पुलिस जब मामले की कार्यवाही नहीं करती है रूबी और विष्णू SC/ST आयोग जाते है आयोग पत्र के माध्यम से Sp अलीगढ़ से जवाब मागती है |


जांच में हुआ खुलासा :


पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पाया की रूबी और विष्णू 2010 से अब तक 10 फर्जी मुक़दमे दर्ज करवायेँ थे और सरकार से करोडों रुपैये की मुवाजा राशि अर्जित की थी |

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन के वकीलों ने एक बहुत बड़ा खुलासा किया था की SC/ST के लगभग 80 प्रतिशत मामले फर्जी थे जिनका उद्देश्य केवल पैसा लेना था  |


अब आईये बात करते है राजस्थान की :


राजस्थान में 2020 में लगभग 8000 से ऊपर SC/ST एक्ट के मामले दर्ज हुए पुलिस खुलासा किया तो पाया की 45 प्रतिशत मामले झूठे थे पुलिस ने ये भी खुलासा किया की महिलओं के खिलाफ दर्ज 34000 मामलों में 40 प्रतिशत मामले फर्जी पाए गये |


केरल HC ने फर्ची मामलों पर जतायी चिंता :


केरल उच्च न्यायालय ने SC/ST के फर्जी मामलों पर चिंता व्यक्त की थी एक महिला को SC/ST मामले में अग्रिम जमानत देने थे मना कर दिया बाद में वो केस फर्जी निकला HC ने निचली अदालतों से अपील की इन मामलों में ध्यान देने के जरुरत है क्योंकि इन मामलों में ज्यादा तर निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है |


2023 कर्नाटक उच्च-न्यायलय :


कर्नाटक HC में दो भाईयों के खिलाफ SC/ST का एक मामला आया जिसे कर्नाटक कोर्ट ने खारिज कर दिया और बहुत ही सख्त टिप्पणी की उच्च-न्यायालय

ने टिप्पणी करते हुए कहा की जिस तरीके से SC/ST के फर्जी मुक़दमे लिखवाये जा रहे है ये सिर्फ कोर्ट का कीमती समय बर्बाद करना ‘और न्याय का गर्भपात करना है ‘ |


कुछ साल पहले इलहाबाद की एक महिला प्रोफेसर ने अपने तीन सहकर्मी प्रोफेसरों पर SC/ST और यौन उत्पीणन का मामला दर्ज कराया था जांच में पाया गया की महिला प्रोफेसर कभी भी समय से कॉलेज नहीं आती थी और ना ही क्लास अटेंड करती थी जब उसको फटकार लगायी गयी तो उसने जूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया महिला प्रोफेसरों की गरिमा को ठेस पहुचाने के लिए उच्च-न्यायालय महिला प्रोफेसर के ऊपर 15 लाख रुपैये का जुर्माना लगया इस से पहले मैंने ललितपुर के विष्णू तिवारी की स्टोरी को कवर किया था जिसको एक मामूली विवाद के चलते एक महिला ने रेप और ST/SC का केस दर्ज करवा दिया 18 साल का युवक जिसने जूठे मुक़दमे में अपनी जवानी के 20 साल काट दिए बाद पता चला की विष्णू तिवारी को जमीन के विवाद के चलते फसाया गया है |

 

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