SPEECH THERAPY : हकलाना
हकलाने (Stammering) की अंतिम स्टेज क्या होती है ये हम आपको बतायेगे अपनी अगली पोस्ट में ,बस यहाँ पे हकलाने वाले लड़का या लड़कियों को मेरी एक सलाह है की किसी भी मेडिसिन के झांसे में न आयें क्योकि हकलाने की पूरी दुनिया में कोई भी मेडिसिन नहीं बनी है क्योकि हकलाना बीमारी नहीं है ये सिर्फ गन्दी आदत है इसे सिर्फ कड़े अभ्यास के द्वरा ठीक किया जा सकता है |
चलिए आज हम लोग बात करेगे
की हकलाने वाले व्यक्ति को बार बार गुस्सा क्यों आता है और हकलाने वाला व्यक्ति हर
काम जल्दबाजी में क्यों करता है |
सबसे पहले हम लोगो को
हकलाने वाले की मनोधारणा समझने की कोशिस करनी है,हकलाने वाले व्यक्ति का स्वाभाव और उसके हाव
भाव अगर देखेगे तो पायेगे की वह अपना हर काम जल्दी करना चाहता है यही क्रिया उसके
बोलने में भी होती है |
लड़को की अपेच्छा लड़कियों में हकलाना ( STAMMERING ) कम क्यों होता है ?
हमे एक मेल प्राप्त हुयी
जिसमे मुझसे ये प्रश्न पूछा गया है की क्या हकलाना सिर्फ लड़को को ही होता है या ये
बीमारी लड़कियों में भी पायी जाती है |
यहाँ पे ये जानना जरूरी
है की हकलाना बीमारी नहीं सिर्फ एक गन्दी आदत है ,जो पुरुषों या महिलायों दोनों को लग सकती है बस
फर्क इतना है की लडकिया जब हकलाती है तो वो कम बोलना पसंद करती है और समाज में या
भीड़ वाली जगह में बोलने से बचती है |
इसलिए लड़कियों का हकलाना
पकड़ में नहीं आता है , लड़को के साथ टीक
इसके उलट है की हकलाने वाले लड़के ज्यादा बोलते है इसलिए उनका हकलाना पकड़ में आ
जाता है |
एक बात और समझना जरूरी है
की लड़का या लड़की जो भी हकलाता है उसका मस्तिक हमेशा चलायमान रहता है ,हकलाने वाले
व्यक्ति कुछ न कुछ हमेशा सोचते रहते है , इसलिए हकलाने वाले व्यक्ति के मस्तिक पर एक सामान्य सा दवाव
बन जाता है और उसका हकलाना धीरे धीरे और ज्यादा बढने लगता है |
यहाँ पर हम सभी को ये सोचना है की ऐसा क्यों है ?
अक्सर हम लोग अपने आस पास
देखते है की जब कोई व्यक्ति हकलाता है तो हम लोग उसका मजाक उड़ाते है , और उसके मजे लेते
है बस यही से हकलाने वाले व्यक्ति पर एक बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है उसको ये लगता है
की अगर हम बोलेगे तो हकलायेगे या अटक अटक कर बोलेगे तो लोग मेरा मजाक उड़ायेंगे बस
इसी डर से हकलाने वाला व्यक्ति बोलने से बचने
लगता है |
LIFE OF STAMMERING :हकलाने वाले व्यक्ति को क्या नहीं करना चाहिए ?
आज हम लोग इस पोस्ट के
माधयम से जानेगे की हकलाने वाले व्यक्ति को क्या नहीं करना चाहिए सबसे पहले हकलाने
वाले व्यक्ति को कभी भी बोलने से बचना नही चाहिए और न ही किसी सार्वजनिक जगह पर कोई
बहस करनी चाहिए क्योकि बहस करने में हो सकता है की आपको बोलने में कुछ झटके लग
जाये इस से आपका आत्मविश्वास हिलेगा और आपको ये लगने लगेगा की हम सही से बोल नही
पाते है |
यही से धीरे धीरे ये बाते
उसके दिमाग में बैठने लगती है की अगर हम कही बोलेगे तो हकलायेगे फिर हकलाने वाला
व्यक्ति समाज से दूर होने लगता है और बोलने से बचने लगता है ,वो जितना बोलने
से बचने की कोशिस करता है उसका हकलाना उतना ही बढता जाता है,हमने खुद ऐसे
तमाम सारे लोग देखे है जो की हकलाने की बिलकुल चरम सीमा पे होते है |
बस यहाँ पे हकलाने वाले
लड़का या लड़कियों को मेरी एक सलाह है की किसी भी मेडिसिन के झांसे में न आयें
क्योकि हकलाने की पूरी दुनिया में कोई भी मेडिसिन नहीं बनी है क्योकि हकलाना
बीमारी नहीं है ये सिर्फ गन्दी आदत है इसे सिर्फ कड़े अभ्यास के द्वरा टीक किया जा
सकता है |
क्या हकलाना हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है ?
हकलाना हमेशा के लिए खत्म
किया जा सकता है बस आपको धैर्य रखने की
जरुरत है,हकलाना हमेशा के लिए ख़तम हो जायेगा बस आपको अपना
आत्मविश्वास बनाये रखना है और बोलने में कभी भी हिचकना नहीं है |
जीवन में कई बार ऐसा लगेगा की हम इस जगह बोलेगे तो अटकेगें या ये वर्ड बोलेगे तो अटकेगें, तो यहाँ पे आपको सिर्फ एक काम करना है कभी भी अपने दिमाग में, ये नहीं आने देना है की ये वर्ड सरल है या ये वर्ड कठिन है या इस वर्ड को बोलना मुस्किल है |
एक बात और आपको बताना
चाहुगा की बोलने से पहले कभी भी तैयारी नही करनी चाहिए वरना हकलाहट और बढने लगती
है ,जहा भी जाये जैसे स्कूल , बाज़ार , मेडिकल स्टोर ,या कही अन्य
सार्वजनिक जगह वहा कभी भी कोई पर्ची लिख के मत ले जाये , क्योकि हमेशा ये
देखा गया है की जो व्यक्ति हकलाता है वो बोलने से बचने लगता है बस यही से उसका
हकलाना और बढने लगता है हकलाने वाले व्यक्ति के दिमाग में ये बात बैठ जाती है की
वो सही से बोल नही पाएगा और हकलायेगा (STAMMERING ) |
हकलाने वाले व्यक्ति समाज
से कटने लगते है उन्हें ये लगता है की भीड़ भाड़ वाली जगह में बोलने में वो हक्लाये
गा,और लोग हँसेगे ये बात उसके दिमाग में घर कर जाती है यही से
हकलाने वाला व्यक्ति बोलने से बचने लगता है , यही से सुरु होता
है हकलाहट बढने का काम फिर धीरे –धीरे हकलाने वाला व्यक्ति अपनी हकलाहट को
छुपाने के लिए बोलने से बचने लगता है , यही से हकलाहट
बढने लगती है जितना बोलने से बचने लगता है उसकी हकलाहट और बढती जाती है,और वो ज्यादा हकलाने लगता है |
हमेशा आपको गर्मागर्म बहस से दूर रहना है :
हमारे स्पीच थेरेपी द्वरा
जो भी अभ्याश बताये जाये उसे हर रोज कम से कम घंटे जरूर करे हकलाना टीक होना सिर्फ आपके हाथ
में है अगर आप ने अपने मन में निश्चय कर लिया है की हमे हर हाल में हकलाहट को टीक
करना है तो कोई भी आपको रोक नहीं सकता है |
आप ये सोच रहे होगे की हकलाना कैसे टीक होगा :
क्योकि जो समस्या इतने सालो
की है तो वो ३० दिन में कैसे टीक हो जाएगी तो हम यहाँ पे आपको बता दे की आप बिलकुल
चिंता करने की जरुरत नही है हम और हमारी टीम , सारे बच्चो को पर एक साथ नज़र रखती है और जिस बच्चे जितनी
ज्यादा समस्या होती है हम लोग उसकी जो समस्या है उसपर ज्यादा ध्यान देते है | क्योंकि हकलाने
वालो में एक ही टाइप की समस्या नही होती है हर व्यक्ति की अलग अलग समस्याए होती
जिनको अलग से समझना और फिर हकलाने वाले व्यक्ति को उसी तरीके से समझना पड़ता है |
कभी भी ज्यादा जल्दबाजी
में नही बोलना चाहिए क्योकि इस से हकलाहट बढती है हो सके तो हमेशा धीमी आवाज़ में
शालीनता पूर्वक बात करे कभी भी ऊची आवाज़ में बात मत करे जब भी आपको ये लगे की मैं
इस शब्द पे अट्कुगा तुरंत आप वही रुक जाये और एक गहरी साँस ले और फिर बोलना चालू
करे. बस आपको हमेशा दिमाग में रखना है की हमको किसी कीमत पर हकलाहट पर काबू पाना है
और एक सफल जीवन जीना है ,यहाँ एक बात और
बता दे, की हकलाने वाले
व्यक्ति को गुस्सा बहुत जल्दी जल्दी आता है इसीलिए सब से पहले हम लोगो को अपने
गुस्से पे काबू करना है क्योकि अगर गुस्से को काबू नही किया तो हकलाहट और बड सकती
है तो भाईयो जहा तक हो सके अपने गुस्से पे काबू रखे और बहुत ही सरल भाषा में बात
करे इस से आपका आत्मविश्वास हमेशा के लिए बड जायेगा और आप अपनी हकलाहट पे काबू पा
लेगे |
अभ्याश करने का तरीका :
सबसे पहले आपको एक काम
करना पड़ेगा की घर पर एक बड़े साइज़ का शीशा लगाना पड़ेगा अगर मिल जाये तो बहुत अच्छा
रहेगा शीशे के सामने बैठ कर हर दिन आपको दो घंटे कोई भी किताब पड़नी है शीशे के
सामने बैठ कर किताब पडने से आपका खोया हुआ आत्मविश्वास धीरे धीरे वापस आने लगेगा
और जो दिमाग में ये बात बैठ गयी है की आप सही से बोल नहीं सकते ये बात आपके दिमाग
से बहर निकलने लगेगी | .
Highlights :
- हमेशा शांत और सभ्य रहे कभी भी तेज आवाज या गुस्सा मत करें |
- कभी भी किसी से ज्यादा बहस या तर्क करने की कोशिस मत करे |
- जब तक अभ्याश करें तब तक फ़ोन को बंद करके रखे |
- जितना भी संभव हो शीशे के सामने बैठ कर अभ्यास करे |
- आपकी कठिन मेहनत ही हकलाने से छुटकारा दिला सकती है |