आज आप को ऐसी क्राइम स्टोरी बतायेगे जो एक सभ्य
समाज पर कलंक है ये कहानी पढने के बाद शायद हम सबको अपने सभ्य होने का अहसाश हो
पाए हम सभी अपने बच्चों की खुशी चाहते है और हर वो चीज करते है जो हमारे बच्चों के हित में हो लेकिन कुछ कहानिया ऐसी है जो पूरे
समाज को कलंकित करती है ऐसी ही घटना गुजरात की है जहा पर माँ बाप अपने बेटे के लिए
सब कुछ करते है लेकिन वही बेटा बहु उनकी मौत का कारण बनता है |
आईये जानते है पूरे घटना क्रम के बारे में :
गुजरात में रहने वाले 66 वर्षीय
चुन्नीभाई गेडिया और उनकी 64 वर्षीय पत्नी मुक्ता, जो सरथाना
क्षेत्र में मीरा एवेन्यू में रहते थे उनका एक बेटा जिसका नाम पियूष था उन्होंने
उसे बड़े प्यार से पाला था उनका उसकी हर वो मांग पूरी करते थे जिसके लिए वो जिद
करता था माँ बाप का सिर्फ एक ही सपना था की वो उसको पढ़ा लिखा के एक काबिल इन्सान
बनाये और आंगे चल के बुढ़ापे में उनका बेटा सहारा बने लेकिन कहते है की कभी कभी
कर्म ही काम नही आता है कुछ चीजे विधाता जो भाग्य में लिख के भेजता है वो कभी नहीं
मिटता है चुन्नीभाई गेडिया और उनकी पत्नी मुक्ता
ने अपने कर्मो में कोई कमी नहीं रखी थी लेकिन वो अपने भाग्य से हार गये आज हमारे
समाज में पुत्र का होना ही सब कुछ माना जाता है क्योकि हमारे इस समाज में एक धारणा
बनी हुयी है की पुत्र से वंश आंगे बढेगा बेटियों के विषय में अक्सर आप सबने सुना
होगा की बेटिया पराये घर की होती है आज इस कहानी को बताना सिर्फ एक उद्देश्य और इस
समाज को ये भी बताना है की बेटा और बेटी दोनों एक समान होते है चलिए अब बात करेंगे
पियूष की जिसको चुन्नी भाई गेडिया ने अच्छे स्कूल में पढाया और उसको हर वो चीज दी
जसको पियूष मागता था पियूष की पढाई ख़त्म होने के बाद पियूष जॉब की तलाश करने लगता
लेकिन उसको उसके पसंद की नौकरी कही मिलती नही है वह अपने घर में माँ बाप से बात
करता है और बताता है की वह फायनेन्स कम्पनी खोलना चाहता है माता पिता पियूष की बात
मान लेते है और जो कुछ जमा पूंजी और जो गहने होते है वो सारे बेच कर पियूष को पैसा
दे देते है पियूष को धीरे धीरे फायनेन्स कम्पनी में घाटा होने लगता है और उसकी
कम्पनी घाटे में आ जाती पियूष फायनेन्स का काम बंद कर देता है |
कनाडा जाने की बात की :
पियूष अपने माँ बाप से
कनाडा जाने की बात करता है चुन्नी भाई गेडिया की सारी जमा पूँजी पहले ही खर्ज हो
चुकी होती है घर में जो जेवर होते है वो भी बिक चुके होते है चुन्नी भाई पियूष को
समझाते है की उनके पास अब पैसा नही है जिससे वो उसे कनाडा भेज सके |
पैसे का इंतजाम न होने के
कारण पियूष उदास रहने लगता चुन्नी लाल को बेटे की हालत देखी नहीं जाती है चुन्नी
भाई अपने सभी रिश्तेदारों से पैसे उधार
लेते है चुन्नी भाई ने कुल मिलाकर 40 लाख उधार लिए थे चुन्नी भाई को यकीन था की
उनका बेटा कनाडा में अच्छी जॉब करने के दौरान सारी उधारी चुका देगा इसी उम्मीद से
उन्होंने इतनी बड़ी रकम उधार ली थी |
पियूष के कनाडा जाने से माता पिता बहुत खुश थे :
पियूष के कनाडा जाने से
चुन्नी भाई और मुक्ता देवी बहुत खुश थी धीरे समय बीत रहा पियूष ने कनाडा में पायल
नाम की लड़की से प्रेमविवाह कर लिया माता पिता को बाद में बताया एकलौते बेटे के
प्रेम विवाह से चुन्नी भाई को धक्का तो लगा लेकिन उन्होंने बेटे की खुशी के लिए ये
भी स्वीकार कर लिया धीरे धीरे रिश्तेदारों ने पैसे मागना शुरू कर दिया चुन्नी भाई
ने पियूष से बात कुछ दिनों तक पियूष फ़ोन से बात करता रहा लेकिन अचानक से उसने फ़ोन
उठाना बंद कर दिया पियूष के फ़ोन न उठाने से और रिश्तेदारों के तानों से चुन्नी भाई
और उनकी पत्नी मुक्ता देवी बीमार रहने लगते है |
पियूष कनाडा से भारत आता है :
पियूष कनाडा से भारत आता
है लेकिन वह अपने बीमार माँ बाप को देखने तक नहीं जाता वह अपने दोस्तों से मिलने
चला जाता है इस बात से आहत चुन्नी भाई को और सदमा लगया है उन्होंने ने ये कल्पना
भी नही की थी की जिस बेटे को इतने नाजों से पाला था वही बेटा उनसे मुह मोड़ लेगा |
पियूष की पत्नी पायल ने की बुजुर्ग दंपति की बेज्जती :
पियूष की पत्नी पायल ने पैसे को लेकर बुजुर्ग दंपति की जमकर बेज्जती की और कर्ज लिए हुए पैसे देना से मना कर दिया पियूष की पत्नी द्वारा किये गये दुर्व्वाहर से आहत दंपति ने कुछ दिनों बाद आत्महत्या कर ली दंपति ने मरने से पहले एक ख़त भी लिखा जिसमे उन्होंने पियूष द्वारा किये गये अपमान का जिक्र किया और ये भी लिखा की लाश को पियूष को हाथ भी न लगाने दिया जाये शायद उनमे ही कोई कमी रही हो जो भगवान् ने ऐसी औलाद दी |
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