Nitish Katara Murder Case : नितीश कटारा मर्डर केस देश का सबसे चर्चित हत्याकांड


 

आज आप को एक ऐसी क्राइम स्टोरी बतायेंगे जिसको सुनकर आप हैरान रह जायेंगे की कैसे एक बाहुबली नेता के बेटों ने झूठी शान के लिए एक माशूम की निर्मम तरीके से हत्या कर दी और फिर उसके शव को जला दिया हैरानी तो तब हुयी जिसके लिए उस मासूम की जान गयी उस लड़की ने भी बाद में अपने परिवार का साथ दिया आज हम बात करेंगे नितीश कटारा मर्डर केस की नितीश कटारा का कसूर सिर्फ इतना था की उसने एक बाहुबली नेता डी पी यादव की बेटी से प्यार किया था और ये प्यार एकतरफा नहीं था डी पी यादव की बेटी भी नितीश को बहुत प्यार करती थी लेकिन नितीश कटारा की हत्या के बाद कोर्ट में जब उसे गवाही के लिए बुलाया गया तो उसने कोर्ट में ये कहते हुए पल्ला झाडा की उसकी नितीश से सिर्फ जान पहचान थी और इस कहानी में ये भी बतायेंगे की कैसे नितीश कटारा ( nitish katara ) की मां ने संघर्ष किया और अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुचाया |


आईये जानते है नितीश कटारा हत्याकांड ( Nitish Katara Hatyakand ) के बारे में :


सबसे पहले शुरुआत करेंगे भारती यादव से जो नितीश की हत्या की प्रमुख वजह थी भारती यादव बाहुबली नेता डी पी यादव की बेटी थी भारती और नितीश कटारा  की मुलाक़ात इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी ( IMT ) में होती है जहा पर दोनों एम बी ए की पढायी कर रहे होते है दोनों में दोस्ती हो जाती है नितीश कटारा स्वाभाव से बहुत मिलनशार और हसमुख स्वाभाव का थे इसी वजह से भारती यादव और नितीश कटारा में दोस्ती हो जाती है और ये दोस्ती बहुत जल्द प्यार में बदल जाती है नितीश कटारा भारती यादव के फैमिली बैकग्राउंड से बहुत अच्छे से परिचित था लेकिन वह यह भी जनता था की भारती का स्वाभाव उसके परिवार से बिलकुल अलग है |


नितीश कटारा ( Nitish katara ) फैमिली बैकग्राउंड :


नितीश कटारा के पिता रिटायर्ड आई एस अधिकारी थे नितीश की मां शिक्षा विभाग में कार्यरत थी नितीश का एक छोटा भाई भी था जिसका नाम नितिन कटारा था नितिन के कई रिश्तेदार अधिकारी पदों पर तैनात थे |


भारती यादव ( Bharti Yadav ) फैमिली बैकग्राउंड :


भारती यादव उत्तर प्रदेश के बाहुबली और दबंग नेता डी पी यादव की बेटी थी भारती यादव की एक बहन और दो भाई भी थे कुणाल यादव और विकास यादव ,ये विकास यादव वही था जिसका नाम जेसिका लाल मर्डर केस में मनु शर्मा के साथ आया था |


अब आते है कहानी की तरफ नितीश के पिता बीमार रहने लगे थे  नितीश ने एम बी ए करने के बाद वही दिल्ली में ही नौकरी करनी शुरू कर दी भारती यादव भी एम बी ए होने के बाद अपने घर चली गयी दोनों में जैसे ही दूरी बड़ी दोनों का प्यार और गहरा होता गया दोनों में फ़ोन से बातें होने लगी भारती यादव अक्सर नितीश कटारा को गुलदस्त्ते व कीमती उपहार भेजा करती थी एक दिन नितीश अपनी मां नीलम कटारा को भारती यादव के बारे में बता देता है और ये भी बताता है की वह नीलम से प्यार करता है और शादी करना चाहता है नितीश की बात सुनकर नीलम कटारा सन्न रह जाती है क्योकि वह डी पी यादव और उनके परिवार के बारे में बहुत अच्छे से जानती थी और उस समय जेसिका लाल हत्याकांड में विकाश यादव का नाम हर न्यूज़ चैनल व अखबारों में छाया हुआ था नीलम कटारा ये भी जानती थी की डी पी यादव बहुत ही दबंग इंसान है नीलम कटारा ने पहले तो नितीश को समझाने की बहुत कोशिस की लेकिन नितीश ने अपनी मां को बताया की भारती यादव अपने परिवार से बिलकुल अलग है वह अपने घर वालों को मना लेगी नितीश के समझाने के बाद नीलम कटारा भी मान गयी |


इधर भारती और नितीश के बारे में भारती के भाईयो को भनक लग चुकी थी भारती भी ये जानती थी की उसके भाई कभी भी ये रिश्ता स्वीकार नहीं करेंगे वह अपने पिता डी पी यादव से नितीश के बारे में बताने की सोचने लगी बस वह मौके की तलाश में थी हलाकि वह मौका भारती यादव को कभी भी नही मिल सका |

16 फरवरी 2002 :


16 फरवरी को नितीश कटारा और भारती यादव अपने एक कॉमन दोस्त की शादी में गाजियाबाद जाते है भारती अपनी बहन मां और भाई विकाश यादव के साथ शादी में पहुचती है शादी में  भारती यादव की बुआ का लड़का विशाल यादव पहले से मौजूद होता है वही नितीश कटारा अपने दोस्त भरत दिवाकर के साथ शादी में आया हुआ था |


विशाल यादव और विकाश यादव दोनों नितीश और भारती को आपस में हसते और बातें करते हुए देखते है दोनों के तन बदन में आग लग जाती है दोनों शराब के नशे में होते है नितीश कटारा अपने दोस्त के साथ खाना खा रहा होता है तभी विशाल यादव नितीश कटारा को बुलाता है और उसका नाम पता पूछने लगता है विशाल यादव नशे में धुत्त था नितीश अपने खाने की थाली छोड़ कर बहार विशाल के साथ चला जाता है वही पर विकाश यादव अपनी सफारी गाड़ी के साथ खड़ा होता है दोनों मिल कर जबरजस्ती नितीश कटारा को कार में बैठा लेते है कार में उस वक्त एक तीसरा शख्स भी मौजूद होता है जिसका नाम सुखदेव पहलवान होता है विकास ने सुखदेव को नितीश कटारा का क़त्ल करने के लिए ही बुलाया था क्योकि विकास यादव को ये लगता था की नितीश उनके परिवार पर बदनुमा धब्बे जैसा है |


नितीश कटारा को सफारी में बैठा कर तीनों गाजियाबाद से 80 किलोमीटर दूर खुर्जा पहुचते है वहा पर एक सूनसान जगह पर गाड़ी खड़ी करके वो नितीश को बहार उतारते है और नितीश कटारा को बुरी तरह से पीटने लगते है विकास यादव तो बहुत गुस्से में था वह सफारी से हथौड़ा ले आता है और उससे मारने लगता है जिस से चन्द मिनटों में नितीश कटारा की मौत हो जाती है उसके बाद तीनों गाडी में रखा पेट्रोल ले आते है और नितीश कटारा के शव के ऊपर डाल कर आग लगा देते है शव जब जल जाता है तब तीनों वहा से फरार हो जाते है |


इधर नितीश के दोस्त नितीश को शादी में हर जगह बहुत खोजते है लेकिन नितीश उनको कही नही मिलता है नितीश का दोस्त भरत दिवाकर लगभग 3:30 पर नितीश कटारा के घर जाता है और नीलम कटारा को बताता है की नितीश शादी में विशाल यादव और विकास यादव के साथ कही चला गया है उसके बाद से वह वापस नही लौटा है नितीश की मां नीलम भारती यादव को फ़ोन करती है और नितीश के बारे में पूछती है तो भारती यादव कहती है की वह खुद रात से नितीश को तलाश कर रही है लेकिन वह शादी में कही दिखा ही नही है तब नीलम कटारा बताती है की वह तुम्हारे भाईयो को साथ गया है भारती यादव नीलम कटारा को अपने पापा डी पी यादव का फ़ोन नंबर देती है नीलम फ़ोन मिलाती है लेकिन फ़ोन नहीं उठता है नीलम कटारा का दिल किसी बड़ी अनहोनी से कांप उठता है |


17 फरवरी 2002 कविनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज :


नीलम कटारा गाजियाबाद के कविनगर थाने में नितीश कटारा के गुमशुदा होने की  प्राथमिकी दर्ज करवाती है और अंदेशा जताती है की डी पी यादव,विकास यादव और विशाल यादव ने उनके बेटे का अपहरण किया है |


पुलिस विशाल यादव और विकास यादव को तलाश करने लगती है लेकिन उनका कही पता नही चलता है पुलिस इसी के साथ नितीश कटारा को भी तलाश कर रही होती है आसपास लगने वाले हर थाने में नितीश कटारा के गुमशुदा होने की  सूचना पहुचा दी जाती है |


अगली सुबह नितीश कटारा का जला हुआ शव खुर्जा पुलिस को मिल जाता है पुलिस शव को देखते ही ये जान जाती है की मरने से पहले व्यक्ति को बुरी तरह से पीटा गया है उसके बाद शव को जलाया गया है इधर पुलिस नीलम कटारा को शव की सिनाख्त के लिए खुर्जा ले जाती है शव जला हुआ होता है नीलम कटारा नितीश की हथेली देख कर पहचान लेती है और जोर जोर से रोने लगती है लेकिन फिर वह तुरंत कहती है की मेरे बेटे के शव को दिल्ली ले चलो और पहले डीएनए करवाओ क्योकि नीलम कटारा ये जानती थी की अगर ये सब नही करवाया तो कुछ भी हो सकता है क्योकि उनको पता था की कैसे जेसिका लाल मर्डर में सब बरी हो गये थे और कैसे फोरेंसिक सबूतों को नष्ट किया गया था इसी लिए उन्होंने पहले डीएनए करवाया डीएनए से ये स्पष्ट हो गया की शव नितीश कटारा का ही था |


कविनगर थाने की पुलिस ने विशाल और विकास यादव को फरार घोषित कर दिया नितीश कटारा हत्याकांड लगातार सुर्खियों में बना हुआ था मीडिया ने नितीश हत्याकांड को बहुत जोर शोर से उठाया था पुलिस के ऊपर भी दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने का दवाब था |


23 फरवरी 2002 विशाल और विकास यादव गिरफ्तार :


23 फरवरी को मध्यप्रदेश की पुलिस ने ग्वालियर के डबरा स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया ग्वालियर पुलिस ने पूंचतांछ की जिसमे दोनों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया इसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने भी पूंचतांछ की जिसमे दोनों ने हत्या नितीश कटारा की हत्या करना स्वीकार कर लिया |


26 फरवरी 2002 को दोनों भाईयों को कोर्ट ने पूंचतांछ के लिए पुलिस अभिरक्षा में भेजा |


28 फरवरी 2002 को पुलिस ने अपराधियों की निशानदेही पर पुलिस दोनों भाईयों को घटनास्थल पे लेके जाती है और हत्या में इस्तेमाल किये गये हथौड़े को बरामद करती है साथ ही उनको घटनास्थल पर नितिन कटारा की घड़ी भी मिल जाती है 11 मार्च को करनाल से पुलिस हत्या में इस्तेमाल की गयी सफारी कार को भी बरामद कर लेती है |


जांच को प्रभावित करने के लगे आरोप :


नीलम कटारा को ये अहसास हो गया था जब अगर मुकदमा लोकल जिला अदालत में चलता रहा तो डी पी यादव अपने प्रभाव और पैसे का जमकर इस्तेमाल कर सकते है जिसकी एक झलक भी देखने को मिली ग्वालियर के जिस थाने के जांच अधिकारी ने बयान लिए थे उसने गवाही तो दी लेकिन ये कहा की दोनों भाईयों ने  नितीश की हत्या की बात नही कबूली थी  नीलम कटारा को ये यकीन हो चुका था की अगर सुनवायी लोकल जिला अदालत में हुयी तो नितीश को कभी न्याय नहीं मिल पायेगा |


2 साल में विकास यादव को 66 बार बेल मिली :


विकास यादव को 2002 से 2004 तक दो सालों में 66 बार बेल मिली शादी में नितीश को विकास के साथ जाते कई लोगों ने देखा था लेकिन डी पी यादव के रशूख के कारण कोई गवाही नहीं दे पाया नीलम कटारा ये जान चुकी थी की ऐसे उन्हें न्याय नही मिलेगा |

केस को दिल्ली ट्रांसफर करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में की अपील :


सुप्रीम कोर्ट में नीतीश कटारा हत्याकांड की सुनवायी हुयी और सुप्रीम कोर्ट ने केस को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया वैसे तो ये केस बिलकुल सीधा और खुला हुआ था लेकिन 4 गवाहों में से तीन गवाह पलट गये वैसे तो वो पहले अपनी बात पर कायम रहे लेकिन बाद में वो मुकर गये नितीश जिस दोस्त की शादी में शामिल होने गया था उसने भी कोर्ट में ये बयान दिया की नितीश और भारती में कोई सम्बंध नही था कोर्ट में सबसे अहम यही था की ये साबित हो की नितीश कटारा और भारती यादव में कोई सम्बंध था |


अब ये केस केवल इस बात पर टिका था की भारती यादव आकर गवाही दे नीलम कटारा भी बार बार कोर्ट में भारती यादव की गवाही करवाना चाहती थी भारती यादव को नितीश कटारा के हत्याकांड के बाद इंग्लैंड भेज दिया गया था और बताया ये गया  की वो पढने के लिए गयी है कोर्ट ने भारती यादव को गवाही के लिए बुलाया लेकिन वो नहीं आयी लेकिन नीलम कटारा की लगातार यही कोशिस थी की कोर्ट में भारती यादव की गवाही हो |


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2006 भारती यादव का पासपोर्ट रद्द :


कोर्ट के बार बार बुलाने पर जब भारती यादव कोर्ट में हाज़िर नहीं हुयी तो कोर्ट को भारती यादव का पासपोर्ट रद्द करना पड़ा अब भारती यादव के ऊपर गिरफ़्तारी की तलवार लटकने लगी थी |


अत: भारती यादव 2006 को कोर्ट में हाजिर हुयी और बयान दर्ज करवाये कोर्ट में उसने अपने और नितीश के बीच प्रेम सम्बंध होने की बात को मानने से इन्कार कर दिया उसने ये तो माना की वह और नितीश अच्छे दोस्त थे लेकिन पुलिस ने जब कोर्ट में ग्रीटिंग्स और महगें गिफ्ट सबूत के तौर पर पेश किये जो भारती यादव ने नितीश कटारा को दिए थे तो भारती यादव ने ये माना की ये गिफ्ट उसी ने दिए थे लेकिन प्रेम सम्बंध होने की बात से इंकार कर दिया |


लेकिन कोर्ट ने सारे उपहार और गवाही को आधार बनाया जिससे ये साबित होता था की भारती यादव और नितीश कटारा में गहरे सम्बंध थे |


  • 2008 दिल्ली कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला :


दिल्ली की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया जिसमे जिसमे विशाल यादव और विकास यादव को 30 वर्ष की आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी इसी के साथ सुखदेव पहलवान को भी 20 वर्ष की सजा सुनायी गयी जो उस रात गाड़ी में मौजूद था |

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  • 16 फरवरी को नितीश कटारा की शादी समारोह से अपहरण करके हत्या कर दी गयी |


  • हत्या में शामिल विकाश यादव विशाल यादव और सुखदेव पहलवान मुख्य आरोपी थी जो हत्या बाद से फरार हो गये थे |


  • 17 फरवरी नितीश कटारा के गायब होने के बाद नीलम कटारा ने गाज़ियाबाद के कवि नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कर वायी और डी पी यादव और उनके बेटे पर अपहरण का आरोप लगाया |


  • 21 फरवरी को नितीश कटारा का शव खुर्जा के एक गांव से बरामद हुआ शव की शिनाख्त के लिए नीलम कटारा को बुलाया गया |


  • विकाश और विशाल को मध्यप्रदेश के डबरा स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया |


  • गजियाबाद अदालत ने दोनों आरोपियों को पूंचतांछ के लिए पुलिस रिमांड में भेजा |


  • 28 फरवरी को को पुलिस आरोपियों की निशान देही पर हत्या में इतेमाल हथौड़ा और नितीश की घड़ी भी बरामद कर ली |


  • मई 2002 उच्चतम न्यायालय ने नीलम कटारा की याचिका पर मामला पटियाला हाउस में स्थानांतरित किया ।


  • 29-30 नवंबर 2006 : आरोपी की बहन भारती यादव अदालत में पेश ।


  • 28 मई 2008 : सुनवाई अदालत ने विकास और विशाल को हत्या अपहरण और मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का दोषी ठहराया। सजा की अवधि की घोषणा 30 मई को कर दी गयी जिसमे 30-30 साल की सजा सुनायी गयी वही सुखदेव पहलवान 20 साल की |


आज की क्राइम स्टोरी में बस इतना ही इस स्टोरी का दूसरा हिस्सा वो आपको सुनवायेंगे नीलम कटारा की जुबानी |

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