Rehana Jabbari Story : महिलओं के दमन की कहानी जिसने ईरान की पोल खोल के रख दी

Rehana Jabbari Story : महिलओं के दमन की कहानी जिसने ईरान की पोल खोल के रख दी

Rehana Jabbari : News highlights

ईरान में एक महिला को इस लिए मौत की सजा दी जाती है क्योकि उसने उसके साथ रेप की कोशिस करने वाले अधिकारी की हत्या कर दी थी रेहाना जब्बारी (Rehana Jabbari) ने सात साल जेल में बिताये उसके बाद उसे फ़ासी की सजा दी गयी पूरे विश्व में रेहाना को बचाने के लिए प्रदर्शन किये गये लेकिन कट्टरपंथी इस्लामिक देश ईरान (Iran) ने पूरी दुनिया की अपील को नकार दिया और रेहाना को फासी पे लटका दिया |

रेहाना को 2007 में किया गया था गिरफ्तार :

रेहाना जब्बारी को 2007 में गिरफ्तार किया था उस पर आरोप लगे थे की उसने खुफिया अधिकारी सरबंदी की हत्या कर दी थी रेहाना जब्बारी ने अपने बचाव में कहा था की सरबंदी उसके साथ रेप की कोशिस कर रहा था इस लिए उसने बचाव में उस पर हमला कर दिया लेकिन वह जब हत्या वाली जगह से भागी थी तो सरबंदी जिन्दा था रेहाना के इन दावों को साबित करने के लिए रेहाना के पास कोई सबूत नहीं था ईरानी कानून के अनुशार फासी की सजा रोकने का अधिकार सिर्फ पीड़ित के परिवार को ही है |

2007 में रेहाना से हुयी थी सरबंदी की मुलाकात :

2007 में रेहाना जब्बारी (Rehana Jabbari) की मुलाकात सरबदी से एक कैफे में हुयी थी रेहाना की मुलकात सरबंदी से आफिस की इंटीरियर डेकोरेटर के सम्बंध हुयी थी रेहाना जब्बारी इंटीरियर डेकोरेटर थी सरबंदी रेहाना को अपने आफिस में बात करने के लिए बुलाता है जहा पर वह रेहाना के साथ रेप करने की कोशिस करता है रेहाना अपने बैग में रखे हुए चाक़ू से हमला करती है और वहा से भाग जाती है |

सरबंदी के परिवार ने पूर्व नियोजित हत्या मानी :

सरबंदी के परिवारीजनों का कहना था की रेहाना ने सरबंदी की हत्या का प्लान पहले से कर रखा था उनका तर्क ये था की रेहाना ने चाकू दो दिन पहले खरीदा था ये बात रेहाना ने खुद स्वीकार की थी कोर्ट ने इसी तर्क को आधार बना कर रेहाना जब्बारी (Rehana Jabbari) को मौत की सजा सुनयी |

मानवाधिकार संगठनों ने ईरानी अधिकारियों पर लागाये आरोप :

मानवधिकार संस्थानों ने पुलिस पर आरोप लगाये थे की पुलिस ने रेहाना जब्बारी को प्रताड़ित किया और जबरजस्ती बयान दर्ज करवाये यही नहीं पुलिस ने रेहाना जब्बारी की बहन को भी हिरासत में लिया और उसे भी प्रताड़ित किया ताकि रेहाना अपना जुर्म कबूल कर ले कई बार ईरानी अधिकारीयों पर ये आरोप लगे की उन्होंने कई तथ्यों को नजरअंदाज किया है इसलिए मुक़दमे को नये सिरे से दर्ज किया जाए |

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2009 में सुनायी गयी फासी की सजा :

रेहाना जब्बारी (Rehana Jabbari ) को साल 2009 में फ़ासी की सजा सुनायी गयी फ़ासी की सजा सुनाने से पहले रेहाना जब गिरफ्तार हुयी थी तो उसे 2 महीने तन्हाई में रखा गया था और उसे अपने वकील या परिवार वालों से मिलने की इजाजत नही थी रेहाना जब्बारी ने सरबंदी को चाकू मारने की बात तो कबूली लेकिन ये भी कहा की सरबंदी उस वक्त जिन्दा था जब वह घटनास्थल से भागी थी वहा कोई तीसरा भी मौजूद था जिसने सरबंदी की हत्या की थी लेकिन तेहरान कोर्ट ने इन दलीलों को सिरे से नकार दिया और मौत की सजा पे मोहर लगा दी रेहाना जब्बारी की फांशी की सजा ने पूरे विश्व बिरादरी को सख्ते डाल दिया ईरान की जमकर आलोचना हुयी |

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जमकर हुए विरोध प्रदर्शन :

रेहाना जब्बारी (Rehana Jabbari) की फांसी रुकवाने के लिए पूरे विश्व में प्रदर्शन हुए लेकिन ईरान ने प्रदर्शन को नकारते हुए 2014 में रेहाना जब्बारी को फांसी पे लटका दिया अपनी मौत से पहले रेहाना ने अपनी माँ के नाम एक ख़त लिखा था जिसकी बाद में बहुत चर्चा हुयी ख़त में रेहाना ने अपने सारे अंग दान करने की अपील की थी |

रेहाना ने अपने ख़त में दिल को छू लेने वाली लाइनो को लिखा जिससे पूरी विश्वबिरादरी हिल गयी :

रेहाना जब्बारी ने जेल में रहते हुए जो ख़त लिखा था जिसको पढ़ कर रेहाना जब्बारी की माँ आज भी रो पड़ती है आईये पढ़ते है उस खत के मुख्य अंश .

मेरी प्यारी माँ

मुझे नही पता था की मुझे इस तरीके के कानून का सामना करना पड़ेगा माँ मौत जिन्दगी का अंत नहीं है आप क्यों ये यकीन नहीं कर पा रही की मै जिन्दगी के आखिरी पन्ने तक पहुच चुकी हु माँ आपकी उदासी मुझे बहुत बेचैन करती है मै हमेशा यही चाहती थी की एक बार आपके और पापा के हाथों को चूम सकु पर ऐसा हो नहीं सका माँ इस दुनिया में मुझे 19 साल जीने का मौका मिला मै ये सोचती हु उस रात मेरी हत्या हो जानी चाहिए थी मेरी लाश कही पड़ी होती अचानक पुलिस आती और आपको मेरे शव के पहचान के लिए ले जाती तब शायद आपको पता चलता की हत्या से पहले मेरा रेप हुआ है माँ हत्या करने वाला कभी भी पकड़ में नहीं आता क्योकि उसके जैसी हमारे पास ना तो ताकत है और ना ही दौलत |

Rehana Jabbari Story : महिलओं के दमन की कहानी जिसने ईरान की पोल खोल के रख दी


माँ इसके बाद तुम इस दर्द और शर्मिंदगी में कुछ साल गुजार लेती और शायद इसी अथाह दर्द को सहते हुए आपका भी जीवन खत्म हो जाता लेकिन माँ किसी श्राप की वजह से ऐसा हो नहीं पाया मेरी लाश को फेका नहीं गया अब जेल में कब्र की तरह बने कमरे में मेरे साथ यही हो रहा है माँ आप भी जानती है किस्मत में जो लिखा होता है वही होता है इसलिए इसका दोष देना किसी को ठीक नहीं है माँ आप समझदार है और खुद जानती है मौत जीवन का अंत नहीं है तुमने ही सिखाया था की इन्सान को मरते दम तक अपनी रक्षा करनी चाहिए माँ मुझे जब कोर्ट में हत्यारिन के तौर पर पेश किया तो मैंने एक भी आंशू नहीं बहाया माँ मुझे कानून पर भरोसा था इस लिए न मै चीघी न चिल्लाई न ही मैंने जिन्दगी की भीख मागी |

Rehana Jabbari Story : महिलओं के दमन की कहानी जिसने ईरान की पोल खोल के रख दी


माँ आप तो जानती हो की मैंने कभी भी एक मच्छर तक नहीं मारा जब भी घर में कोई काक्रोच निकलता था तो मै उसे पकड़ कर घर के बहार छोड़ आती थी
 माँ मै हमेशा से जीवन के प्रीति बहुत ही आशावादी रही हू ये बात आप जानती है माँ पहले ही दिन से बुजुर्ग पुलिस अधिकारी मुझे मेरे नाखूने के लिए मारते पीटते थे माँ मै जानती हू आप रो रही है मेरे शब्दों का कोई अंत नहीं है मैंने सब कुछ लिख कर किसी को दे दिया अगर आपके बिना मौजूदगी में मुझे फांसी दी जाती है तो वो सारे पत्र आपको मिल जायेंगे जो की मैंने खुद अपने हाथों से लिखे है |

रेहाना जब्बारी ने माँ से की अंगदान करने की गुजारिस :

रेहाना जब्बारी ने अपनी माँ से अंगदान करने की भी गुजारिस की थी रेहाना ने लिखा “ माँ मै आपसे कुछ कहना चाहती हु मै अपने जवान दिल और आँखों को मिट्टी के अन्दर सड़ने नहीं देना चाहती हु इसी लिए मै चाहती हू की फांसी के बाद जरुरतमंद लोगों को मेरे अंग दान कर दिए जाये और जिसे भी मेरे अंग दान किये जाये उसे मेरे बारे में कुछ भी न बताया जाये 

दोस्तों यही है सभी इस्लामिक देशों की सच्चाई जहा पर इस तरीके के कानून है फिर मिलते है एक नयी क्राइम स्टोरी के साथ तब तक के लिए अलविदा |  

           

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