India-Ukraine: भारत और यूक्रेन रिश्तों के बीच पाकिस्तान

India-Ukraine: भारत और यूक्रेन रिश्तों के बीच पाकिस्तान

Relationship India between Ukraine

आज बात करेंगे भारत और यूक्रेन के रिश्तों की रूस और यूक्रेन का जबसे युद्ध आरम्भ हुआ है पश्चिमी देश और यूरोपी देश लगातार भारत की आलोचना कर रहे उसकी वजह ये है की भारत लगातार रूस से तेल खरीद रहा है  इतना ही नहीं रूस ने भारत को सस्ते दामों पर तेल देने का फैसला किया था अमेरिका समेत सभी पश्चिमी देशों ने भारत पर ये आरोप लगाया की भारत रूस का युद्ध में साथ दे रहा है ऐसे में आज आपको ये जानना जरूरी है की जब से यूक्रेन सोवियत विघटन के बाद से एक देश के रूप में आजाद हुआ तब से भारत और यूक्रेन के रिश्तों  (Relationship India between Ukraine) में कितने उतार चढ़ाव आये है आज यूक्रेन जो भारत की तरफ देख रहा है वो कभी पाकिस्तान का बहुत गहरा दोस्त हुआ करता था और हर मोर्चे पर भारत का खुलकर विरोध करता था बहुत से लोग तो ऐसे है की जिन्हें ये भी नही मालूम होगा की रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) आखिर हो क्यों रहा है इसी पे चर्चा करेंगे और जानेगें युद्ध और भारत यूक्रेन के रिश्तों के बारे में |

Russia – Ukraine War :

रूस यूक्रेन का युद्ध जब से प्रारम्भ हुआ है तभी से भारत ने तटस्थ नीति अपना के रखी है ये बात अमेरिका को सबसे ज्यादा खटकती रहती है अमेरिका और पश्चिमी देश हर मौके पर भारत को घेरने की कोशिस किया करते है लेकिन ऐसा हुआ नही अमेरिका और उसके सहयोगी देश चाहते है की भारत रूस से तेल और हथियार खरीदना बंद करे लेकिन हुआ इसके उलट भारत को रूस ने सस्ते दामों पर तेल देने का आफर दिया तो भारत ने रूस से तेल खरीद को और बढ़ा दिया जिस से अमेरिका और यूरोपीय देश तिलमिला उठे |

पश्चिमी देशों को भारत ने दिया करारा जवाब :

रूस से तेल खरीद पर भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया उन्होंने कहा ‘ हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था या तो हमे तेल मिलता ही नही क्योकि रूस से सबसे ज्यादा तेल और गैस यूरोपीय देश खरीद रहे थे या हम फिर महगें दामों पर तेल खरीदें रूस हमेशा से ही भारत का भरोसेमंद पार्टनर रहा भारत ने रूस से तेल खरीद कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों स्थिर करने का काम किया है भारत अपने हितों की रक्षा करना जानता है ’

India-Ukraine: भारत और यूक्रेन रिश्तों के बीच पाकिस्तान


विदेशमंत्री यही नहीं रुके उन्होंने कहा ‘ मिडिल ईस्ट के कई बड़े उत्पादक देशों ने तेल देने के लिए भारत से बढकर यूरोपीय यूनियन को अधिक तवज्जो दी क्योकि यूरोपीय देश अधिक कीमतों पर तील खरीद रहे थे और अधिक कीमतों पर तेल खरीदना हमारे लिए संभव नहीं था  ’

विदेशमंत्री के बयान से पश्चिमी देशों ने और वहा की मीडिया ने खूब भारत विरोधी एजेंडा चलाया लेकिन हुआ कुछ नहीं |

अब आईये बात कर लेते है भारत और यूक्रेन के रिश्तों की :

1991 में जब सोवियत यूनियन (USSR) का विघटन हुआ तब यूक्रेन एक देश के रूप में उभर कर सामने आया यूक्रेन को एक राष्ट्र के रूप में सबसे पहले मान्यता भारत ने ही दी थी 1992 में भारत ने यूक्रेन के साथ अपने राजनायिक सम्बंध बनाये 1993 में यूक्रेन नयी दिल्ली में अपना उच्चायोग स्थापित किया ये एशिया में यूक्रेन का पहला उच्चायोग था उसके बाद भारत और यूक्रेन के बीच कयी व्यापारिक समझौते हुये |

1998 भारत ने किया परमाणु परिक्षण (India Conduct Newclear Test):

भारत ने 1998 में परमाणु परिक्षण किये उस वक्त श्री अटल विहारी बाजपेयी प्रधानमंत्री थे भारत के परमाणु परिक्षण से बौखलाये अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने कयी आर्थिक प्रतिबन्ध लगाये भारत को यूक्रेन के साथ की उम्मीद थी लेकिन यूक्रेन ने पश्चिमी देशों के साथ मिलकर भारत का जमकर विरोध किया था यूक्रेन ने संयुक्‍त राष्‍ट्रसंघ (UN) में भी भारत का कड़ा विरोध किया था यूक्रेन के इस विरोध की भारत ने कभी कल्पना तक नहीं की थी |

यूक्रेन और पाकिस्तान (Ukraine And Pakistan) :

अब बात करते है यूक्रेन और पकिस्तान के रिश्तों की शायद आप में से बहुत कम लोगों को ये पता हो की अमेरिका,चीन के बाद यूक्रेन तीसरा सबसे  पकिस्तान को हथियार सप्लाई करने वाला देश है यूक्रेन से पाकिस्तान का हथियार खरीद में लम्बा इतिहास रहा है पाकिस्तान और यूक्रेन के बीच हथियारों को लेकर एक बहुत बड़ी डील हुयी थी जिसकी अनुमानित लागत करीब  20 अरब डालर थी |

2017 में पकिस्तान और यूक्रेन ने किया समझौता :

यूक्रेन (Ukraine) और पकिस्तान (Pakistan) ने 2017 की एक द्विपक्षीय समझौता किया था यूक्रेन हमेशा से ही भारत के हितों की अनदेखी करता रहा है उसने पकिस्तान को टी-80 टैंक दिये थे जिसका भारत ने विरोध किया था यूक्रेन  ने भारत के विरोध को खारिज करते हुये 2017 में टी-80 टैंक का ही अपग्रेड वर्जन देने का समझौता कर लिया |

आतंकवाद पर पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा युक्रेन :

यूक्रेन ने भारत के विरोध के बावजूद पाकिस्तान को खतरनाक हथियारों की आपूर्ति की और हद्द तो तब हो गयी जब पाकिस्तान के आतंकवाद मुद्दे पर भी उसने पकिस्तान का ही साथ दिया यूक्रेन ने हमेशा भारत विरोधी रुख अपनाया यूक्रेन(Ukraine) की इन्ही करतूतों की वजह से रूस यूक्रेन युद्द (Russia-Ukraine War) को रोकने के लिये जब संयुक्‍त राष्‍ट्र में रूस के खिलाफ वोटिंग होनी थी तो सभी भारतीय अधिकारियों ने वोटिंग में हिस्सा ही नहीं लिया |

India-Ukraine: भारत और यूक्रेन रिश्तों के बीच पाकिस्तान


आईये जानते है रूस यूक्रेन युद्द की वजह (Russia Ukraine War Reason):

1991 से पहले यूक्रेन सोवियत यूनियन का हिस्सा हुआ करता था लेकिन पश्चिमी देशों की चालबाजी के कारण सोवियत यूनियन का विघटन हुआ 1991 में रूस से अलग होकर यूक्रेन ने खुद को एक स्वत्रंत राष्ट घोषित किया सोवियत संघ का टूटना और पश्चिमी देशों द्वारा सोवियत यूनियन से अलग हुए देशों को खुल कर मदद करना युद्ध की एक वजह ये भी मान सकते है यूरोपीय देश रूस को हमेशा से अपने लिए खतरा मानते रहे है यही वजह है की पश्चिमी और यूरोपी देश हमेशा से किसी न किसी तरह से रूस को कमजोर करना चाहते रहे है युद्ध की चिंगारी तब और भड़की जब यूक्रेन ने नाटो में सामिल होने के लिए कदम उठाया रूस को ये डर था की यूक्रेन अगर नाटो(NATO) में सामिल हो जाता है तो पश्चिमी देश उसके पड़ोश में बैठ कर षडयंत्र रचेंगे रूस के चेतावनी देने के बाद भी यूक्रेन नहीं माना जिसका परिमाण ये निकला की रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया और यूक्रेन के कयी शहरों को खंडहर में तब्दील कर दिया अमेरिका सहित सभी पश्चिमी देश रूस को युद्द में उल्झाये रखना चाहते है ताकि रूस की ताकत को कमजोर किया जा सके |

भारतीय प्रधानमंत्री ने रूस का दौरा किया (Narendra Modi Visit Russia):

प्रधानमंत्री मोदी ने जब रूस का दौरा किया तो पूरे विश्व की निगाहें भारतीय प्रधानमंत्री पर लगी हुयी थी खासकर अमेरिका इस दौरे को लेकर बड़ा आक्रामक हो रहा था लेकिन भारत ये जनता है की उसके हित किसके साथ है मोदी – पुतिन की मुलकात हुयी और बहुत ही अच्छे माहौल में हुयी उसके बाद मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया जहा पर उन्होंने जेलेस्की से मुलाकात की मोदी जितनी घंटे यूक्रेन में रहे रूस ने कोई भी बड़ा हमला यूक्रेन पे नहीं किया जेल्सकी ने मोदी से दोनों देशों के बीच मध्यस्ता की भी पेशकश की है अब ये आने वाला भविष्य ही बतायेगा की ये युद्ध और कितने दिनों तक चलता है |

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